एक तरफ कर्त्तव्य रखा हो, दूजे  ओर  रखा अधिकार। तौल करें हम हृदय तुला से, फिर लघु-गुरु का करें विचार॥ छोड़ कर्म को,बस केवल हम, स्वार्थ भावना के आधीन। ऐसे  देश  नहीं    सुधरेगा, जल बिनु नहीं बचेगी मीन॥ हक को भूल,कर्म के पथ पर, मौन खड़े क्यों? कदम बढ़ाए। […]

(नागपंचमी विशेष) एक जानकारी के मुताबिक उड़ने वाले सांपों की प्रजाति का पता चला है। दक्षिण अमेरिका में इस प्रकार की प्रजाति के सांप के फन अवशेष शोधकर्ताओं को प्राप्त हुए हैं। टेरासोर की नई  प्रजाति को `ऑलकारेन` नाम दिया गया। शोधकर्ताओं का प्रमुख उद्देश्य उड़ने वाले सांप समूह की उत्पति व […]

फूलों पर वो, प्यारी-प्यारी.. तितली चली। कभी भागती, कभी ठहरती.. तितली चली॥ चंचल नैनों, पैरों वाली। रंग-बिरंगे, पंखों वाली॥ तितली रानी, लगती बच्चों.. खिलती कली॥ सुन्दर-सुन्दर, प्यारी-प्यारी। तितली लगती, न्यारी-न्यारी॥ फूलों,झूलों, मन की गोदी.. तितली पली॥                             […]

सोलह श्रंगार करुं,ध्यान बृज का जो धरुं, राधा-कृष्ण रोज मेरी नजरों में आवै हैं॥ गोकुल की गली-गली,में है शोर उसका तो, भक्तों की जुबानों पर,सुबह आ जावै हैं॥ लोग राधा नाम गावै,पाछै श्याम कू मनावै, बाँसुरी की धुन पर भक्तों को नचावै है॥ राधा नाम संग गाओ,तुम भव तर जाओ, […]

भारत देश महान है, हम ऋषियों की संतान हैं.. राम कृष्ण खेले इसी धरा में, सिय उमा रही इसी चमन में.. ऋषियों मुनियों की चिंतन धरा आरोग्यम विकास का मंथन धरा, है ये भारत देश की धरा हर भारतीय जहाँ तिरंगा धरा, तिरंगा जिसकी शान है तिरंगा वीर जवानों का […]

अदा से,इनायत से,बनावट से डरता हूँ। मुझे मुहब्बत है,मैं अदावत से डरता हूँ॥ दिल में कुछ व जुबां पर कुछ और हो। मैं अब ऐसी झूठी दिखावट से डरता हूँ॥ गुलशन का एक महकता फूल हूँ मैं। मौसम की तेज गर्माहट से डरता हूँ॥ मुझे भंवरों की सनक मालूम है […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।