भाई-बहन के पवित्र  प्रेम का प्रतीक पर्व रक्षाबंधन महिला सुरक्षा का प्रतीक है। मध्य युग में महिलाओं पर अत्याचार बहुत  होते थे,तब अपनी सुरक्षा  के लिए महिलाओं द्वारा भाई की कलाई  पर राखी बांधकर सुरक्षा का वचन ले लिया जाता था। इसका भाई-बहन के सगे होने-न होने से भी कोई […]

प्रहार रोज संस्कृति पर,होता रहा है रोज। बैठ न चुप्पी साधकर,शीघ्र ईलाज खोज॥ आज ‘रक्षा बंधन’,भारत जन-मन संस्कार। प्रण ठानें सहोदर, रोकन बहन पर प्रहार॥ भागो न दूर बहन से,वह संस्कृति की शान। वह खतरे से रो रही,दिला उसे सम्मान॥ तजें मौन बहन पर,हम होतें न हो अभाग। उठा कठोर […]

राखी पर्व महान है,बहन लुटाती प्यार। वह धागे से बांधती, रक्षा सूत्र अपार॥ रक्षा सूत्र अपार, सजाकर सुन्दर थाली। होते भाई प्रसन्न,लगे न जेब हो खाली॥ कह बिनोद कविराय, दिखे बत्तीसी झाँखी। खुले हृदय के द्वार, बहन जो बाँधे राखी॥                     […]

राधा और कृष्ण दोनों ने प्रीत की, कृष्ण ने कर्तव्य निभाए सबके प्रति केवल राधा को ही छोड़ दिया। फिर भी राधा कृष्ण को कभी विस्मृत नहीं कर पाई, कितना अंतर था दोनों की प्रीत में। कृष्ण के लिए कर्म पहले था प्रेम बाद में,और राधा के लिए तो प्रेम […]

मायूस हो कर अकेले में रोता हूँ, आती है राखी,तब किस्मत को कोसता हूँ। देखता हूँ हर कलाई में प्यार बहना का, अपनी सूनी कलाई को तसल्ली देता हूँ। दिल में तूफान-सा उठता है देख राखी को, निकलता हूँ सोचकर घर से अपने। जिसका कोई भाई नहीं,ऐसी भी बहन होगी, […]

जल रहा जल में जलजात है आजकल, हो रही कैसी बरसात है आजकल। दर्द करता है तन नींद आती नहीं, कुछ बड़ी हो गई रात है आजकल। ऐसा लगता है कोई किसी का नहीं, स्वार्थ में मग्न जज्बात है आजकल। दूध के नाम पर सिर्फ जल बिक रहा, यह नया […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।