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तुम्हारा साथ छूटा जब,जमाना हो गया दुश्मन। अकेलापन खटकता है,नहीं खिलता ये मन गुलशन॥ नहीं चाहा कभी भी,गैर का जग में बुरा हमने। हमारी इस अच्छाई से नहीं बरसा कभी भी घन॥ अजब ये खेल किस्मत का,दिलों को दूर कर देता। निभाई दुश्मनी उसने,जिसे अर्पित किया यह तन॥ दिया जब […]

हे नारी तू कितनी महान है, तू है तो सारा जहान है। हे शक्ति स्वरुपा, हे रण चण्डिका.. आज तू इतनी बेबस क्यूँ है,क्यूँ तू चाहे तो पल में प्रलय ला सकती है। तेरे बिना देव-दानव नर-किन्नर, सबके-सब अधूरे हैं। पर आज तू चुप क्यों है क्यों, दिखा दे तू […]

कहाँ गईं वो भारत माँ की गौरवशाली गाथाएं, रण में स्वयं भेजने वालीं जीजाबाई माताएं। रानी पद्मिनि, पन्नामाता, लक्ष्मीबाई लाखों थीं, पर इतिहास देख पाया बस चारण कवि की क्षमताएं। हर दिल की आवाज बनेगी, अवध लेखनी राज करेगी॥                 #अवधेश कुमार ‘अवध’  […]

एक बस तुझे सोचता हूं,बस एक तेरी ही चाहत है, तू जिंदगी बन जा,मेरी फिर तो बस राहत ही राहत है। हर खुशी तेरे नाम कर दूंगा,तुझपे आया हर गम मुझे दे दे, जिदंगी सवर जाएगी मेरी,तू मेरी है इतना बस कह दे। हर सांस पे लिख दिया तेरा नाम, […]

ज़रा तुम मेरे पास आओ, तुमसे मिलना चाहता हूँ। तेरी सागर-सी आँखों में, खुद को देखना चाहता हूँ॥ तेरे लबों की मदिरा में, आज डूब जाना चाहता हूँ। शराब पीकर बहका नहीं, आज बहकना चाहता हूँ॥ तेरे आगोश में आकर, तुझमें मिलना चाहता हूँ। तुम मुझे खत लिख दो, खुद […]

भाई-बहिन के प्यार का दिन आया, रक्षाबंधन के त्योहार का दिन आया। भाई की कलाई पे बहिन बांधे रखी जिस दिन, वो दिन आया। सावन में घड़ी में सजे जब भाई बहिन के प्रेम की झांकी, वो दिन आया। राखी, रूमाल के व्यापार का दिन आया। रक्षाबंधन के त्योहार का […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।