पिता की डांट, पिता  का प्यार। पिता की निगाहें, पिता का उपहार॥ भीतर जिनके दर्द, पीडा़ का भंडार। फूल बनकर मेरा, महकाएं संसार॥ मुश्किल में डटे रहें, पीड़ाओं में मौन। पर्वत से अडिग रहें, पिता जैसा कौन॥ पिता से ही संस्कार, पिता सृष्टि का सार। जाना जिसने पिता को, पाया […]

फिल्म समीक्षा…. शानदार प्रस्तुतिकरण और उम्दा प्रेम कहानी की प्रस्तुति यह फिल्म ‘हैरी मेट सैजल’ है। यह इम्तियाज अली के लेखन-निर्देशन में शाहरुख को मिली ब्लॉक बस्टर की सौगात है। एक साधारण कहानी को खास तरीके से इसमें इम्तियाज़ ने पेश किया है। हरविंदरसिंह नेहरा उर्फ हैरी(शाहरुख) पंजाबी गाइड है,उनकी एक गुजराती लड़की […]

जीवन सरिता में, डोले मेरी नैया क्यूं ? तुमको है सुख का सागर, मुझे खुशियों से किनारा क्यूं ? घनी धूप से लड़कर, रज कण बहाता हूँ। तन चंदन घिसकर अपना, अस्तित्व तिलक लगता हूँ। देता सबको उजाला मैं, मेरे जीवन में अंधेरा क्यूं ? जीवन सरिता में, डोले मेरी……..? […]

जिंदगी मेरी बेचैन-सी रहती है, न जाने क्या करने से डरती है। जिस तरह ख्वाबों के साहिल के किनारे नहीं आते, उस तरह यह भी भटकती फिरती है। मोहताज नहीं होती तस्वीरें एक रंग की, पर उस एक रंग के बिना तस्वीर पूरी भी नहीं होती। बिखरे से मिलते हैं […]

आँखों से पिलाए न साकी,तो क्या रखा है पीने में, ज़जबात न हों जिस दिल में कोई वो दिल भी क्या है सीने में। किस्मत बुलन्द है क्या मेरी,पाया हमराज़ तेरे जैसा, हमराही न हो तुम-सा गर,तो फिर क्या रखा है जीने में। नीलम,पुख़राज,मणीं-माणिक सारे ही पहन कर देख लिया, […]

‪ हे नाथ ! तुम जब चले, भ्रात भाभी को लिए। पग तुम्हारे बढ़ रहे, साथ, उनके साथ में। नैन मेरे ताकते, दूर तक है झांकते। वह छवि सिमट गई, रूठते वे रास्ते। मिलन की एक घड़ी, लखन संग जो मिली। बन्द पलकों में किए, जी रही वह एक कली। […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।