नज़र से जब उनकी नज़र मिली तो नजर थम गई, किया जब हमने ईश्क का जिक्र तो कायनात पिघल गई। हम तो यूं ही पीते रहे नैनों से शराब उनके, जब ईश्क-ए-मोहब्बत किया तो शबाब बन गई। कुछ इस कदर बयां किया हमने हाल-ए-दिल आंखों से, हम दिल का हाल […]

प्यार को वो केवल एक शब्द ही मानते हैं, प्यार क्या है केवल वो दिवाने ही जानते हैं। प्यार का सेतु राम ने सीता हेतु  बनाया है, शिला पर राम लिख़ सागर में तैराया है। प्यार राधा और कृष्ण की अनुपम जोड़ी है, मीरा के श्याम प्रेम की एक अटूट […]

कैसे करें भरोसा किस पर करें यकीं। खुदगर्ज है जमाना खुदगर्ज है जमीं॥ प्यार की आशा छोड़ दे, न कर कभी यकीं। यहाँ झूठी आस है और प्यार की है कमी॥ होंठो पर हँसी है,आंखों पर है नमी। बाहर से वो है इंसान,पर अंदर से नहीं॥ पग-पग तो है धोखा,जज्बात […]

दिल बौने हैं सीने में पर, ऊंचा कद पा जाते हैं। फितरत ओछी रखने वाले, ऊंचा पद पा जाते हैं॥ पदवी के चक्कर में खाते, भारत माँ की कसमें ये। सत्ता का सुख भोग लिया तो, तोड़ रहे हैं रस्में ये॥ भारत में हैं नहीं सुरक्षित, अब ये जुमले बन्द […]

हम कहीं भी रहे दिल हमारा धड़कता तेरे ही खयाल से है, हर साँस सुमरिनी के मनके-सी बार-बार तिरा नाम जपती है, खुशबू-सी लिपटी रहती है सोच तेरी आँख में बस चेहरा, तेरा ही समाया रहता है दिल के मकां में बसर  तेरा  है, दूजा कहाँ समा सके है॥       […]

(मनहरण घनाक्षरी) देश के सभी युवान,आप पर है गुमान, अब वीरता प्रमाण, जग को दिखाइए। एकता समेट आज,रखना है देश लाज, ध्येय हो अखण्ड राज, दूरदृष्टि पाइए। देने लगे बार-बार,पाक चीन ललकार, पंचशील को नकार, युद्ध गीत गाइए। सिंह-सी करो हुंकार, रग-रग हो झंकार, आज   करने   प्रहार, बिगुल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।