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मैं जातक हूँ हिन्दुस्तां का,
है वतन मेरा साकी भारत।
माँ-बाप ने दे जन्म जहाँ,
सब गुण सिखला जहाँ तहां के।
बन गुरू ज्ञान का पाठ दिया,
बतलाए पथ सब जनता के।
उस देश के हैं पर देशी सब,
बन ताकत मित्र सहायक जो।
हर पग पर राह दिखाते हैं,
हैं सब अनजाने ममता के।
बड़भागी हूँ सत पाठक में,
जो अपनापन तुम सबका है।
कोई है पिता योग्य, कोई
माता के दर्जा लायक है।
हैं सभी वयस्क भाई जैसे,
कई बहन की छाया जैसी हैं।
कुछ अनजाने हैं पथ प्रदर्शक,
कुछ गुरू से सलाहकार मेरे।
मैं धन्य समझता हूँ खुद को,
जब साथ आपका पाता हूँ।
करबद्ध निवेदन करता हूँ,
नहीं हाथ कभी मेरा छूटे।
इस बिना नाम के नाते का,
नहीं कभी नाम नाता टूटे।
मैं वतनपरस्त रहूं हर पल,
कहीं साथ कभी न हो गारत।
मैं जातक हूँ हिन्दुस्तां का,
है देश मेरा साकी भारत।
#जीतपाल सिंह यादव ‘आर्यवर्त’
परिचय: जीतपाल सिंह यादव ‘आर्यवर्त’ की जन्मतिथि-८ जुलाई १९९३ एवं जन्म स्थान-बंजरपुरी पवाॅसा सम्भल (उत्तर प्रदेश) है। शिक्षा-एमए(राजनीति शास्त्र)और कार्यक्षेत्र-अध्यापन और अध्ययन है। सामाजिक क्षेत्र में आपने गरीबों के लिए संघर्ष की दिशा में एक समिति बना रखी है। देवनागिरी लेखन के साथ ही गायन भी करते हैं। लिखने की प्रेरणा समाज से ही ली है।
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