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कितने भी हों हालात बुरे,फिर भी इज़्जत से जी सकता,
सम्मान मिले गर लोगों से,तो चाक ज़िगर भी सी सकता।
अपमानित होकर जीना भी, जीना है इस दुनिया में,
खुद्दारी जिसके रक्त में हो, अपमान का घूंट न पी सकता॥
#सन्तोष बाजपेई
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