भारत माता की है बिन्दी, मेरी प्यारी भाषा हिन्दी। मुझको बड़ा सुहाती है, हिंदी बहुत लुभाती है॥ मुहावरे,लोकोक्तियाँ, पद्य की सुन्दर पंक्तियाँ। रस-छंद,अलंकार से सच्चा श्रृंगार पाती है, हिन्दी बहुत लुभाती है॥ नाटक-एकांकी,निबंध-गद्य, कथा-कहानी,या हो पद्य। कल्पनाएं इस मन की, तुमसे परवान पाती है। हिन्दी बहुत लुभाती है॥ भारत माता […]

हम मानसिक रूप से आज भी गुलाम हैं और इस गुलामी को बनाए रखने में हमारी असफल शिक्षा व्यवस्था की भूमिका अहम है। वास्तविक रूप से शिक्षित हुए बिना ही महाविद्यालयों -विश्वविद्यालयों से उपाधियां मिल जाती हैं और येन-केन प्रकारेण उच्च पद या उच्च सफलता को हथियाने में सफलता भी […]

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ज़िन्दगी के रास्ते इतने आसान न होते, अगर आप हम पर मेहरबान न होते l आप चाहते तो ये काम कल भी हो जाता, हम आज भी इसके लिए परेशान न होते। कितना अच्छा होता,हमारी गिनती इंसानों में होती, आप हिन्दू न होते,हम मुसलमान न होते। ये विश्वास और भरोसे की […]

हम सभी में, कोई न कोई, जानता है, देश की हर भाषा। लेकिन घोर विडम्बना है, कि, हम, आज तक, नहीं जान पाए, अपनी, देह में अवस्थित, उस आत्मा की, ज्ञान-रूपी,भाषा॥                                       […]

बहादुरगढ़ | `हिन्दी दिवस` के अवसर पर ‘आजादी के ७० वर्ष और हिन्दी की दशा’ विषय पर दिल्ली में विचार गोष्ठी कार्यक्रम किया गया। इसमें करुणेश वर्मा ‘जिज्ञासु’ ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता,प्रमाणिकता और वैज्ञानिकता है अद्वितीय बताया तो स्वयंसेवी संस्था ‘स्नेह’ की दिल्ली प्रदेश संयोजिका ने अपने ओजस्वी शब्दों […]

हिंदी न सिर्फ भाषा है, ये  हमारी  माता  है। कुछ मंदबुद्धि इंसानों के कारण, आज इसकी हो रही उपेक्षा है। माँ के प्यार में, पापा के दुलार में बड़ों की डांट-फटकार में, प्रत्येक रिश्ते में हिंदी बसता है। युवा अंग्रेजी पर अभिमान करता है, हिंदी बिना उनका अधूरा ज्ञान रहता […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।