दर्द की लकीर खींची है अभी, दनदनाती गोली लगी है अभी। खामोश कर दी आवाज उसकी, ढोल की पोल खोली जिनकी। सच बोलने की आजादी नहीं, दिलों में डर बैठा था जिनके। खूब लड़ी मर्दानी थी वो, कुछ करने की ठानी थी जो। अंत जानती थी वो अपना, दुश्मन से […]
दिल से क्या खता हो गई हमसे, कर दिया बेसहारा घर छोड़कर निकले थे हमारा, तन्हाई में यूँ सफर कटता नहीं दे गए गम बहुत सारा। प्यार की नजाकत को समझ पाते गर तुम, टूटता नहीं ये रिश्ता प्यारा। शाम ढलने को है चांद निकलने को, मुलाकात होगी बनकर तारा। […]
कुछ बात दिल में रह गई कहने के बाद भी, उद्विग्न रह गए हम मिलने के बाद भी। करने के लिए जिंदगी में काम है इतना, फुर्सत नहीं जरा-सी मरने के बाद भी। सुख छोड़कर कहीं भी वह रह नहीं सका, नित सैकड़ों मुसीबत सहने के बाद भी। कुछ कर […]
जो सियासत के सांचे में ढल गया, हाँ , वही तो इस दौर में चल गया। यहां उसूलों की बात सुनता कौन है, शख्स जी हुजूरी वाला पल गया। ये कलम,तक़रीरें भी ख़ौफ़ज़दा है, जाने कौन कब जहां से टल गया। मासूम भी हो रहे हैं हवस के शिकार, अब […]
इस कदर वक्त खुद में उलझता रहा, चाँद ठहरा रहा ,रात ढलती रही। कुछ सितारों की उम्र जब पूरी हुई, टूटकर गिरने की रस्म देखी यहां, लोग मिन्नत लिए सब खड़े ही रहे आसमां की थी चुनर उजड़ी जहाँ। रोशनी की चकाचौंध में था शहर, बस्तियाँ कुछ अँधेरों में जलती […]
मुहब्बत जाम है या जहर जाने दो, इस आग के दरिया में उतर जाने दोl जो लम्हें साथ गुजरे वही जिंदगानी है, ये दिन ये महीने ये शामो-सहर जाने दोl अब तक जिस भुलावे में गुजरी है ये उम्र, उसी खयाल में बाकी भी गुजर जाने दोl तुम भी बेशक […]
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए।
आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं।
कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।