इस फ़रेबी दुनिया से बचना जरूरी हो गया है, लग रहा है सूर्य-सा जलना जरूरी हो गया हैl रात है ग़म से भरी और संग दौर-ए-ज़ाम है पर, ऐसा लगता प्यार का मिलना जरूरी हो गया हैl  कट रही है ज़िन्दगी भी अपनी कुछ तन्हाईयों में, अब गिरूँगा इश्क में,गिरना […]

चले आओ सभी मिलकर, बनाएं  नाव  कागज की ।   हुई बरसात है कितनी गली में भर गया पानी । सुनो राजू, सुनो मन्नू, सुनो तो राधिका,रानी ।।   इसी पानी में तैराएं,  हमारी नाव कागज की ।   रखी है मेज  पर  कॉपी, चलो पन्ने निकालें हम । मगर […]

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मन की अभिव्यक्ति है शब्द, तन की अनुभूति है शब्दl बोली की मिठास है शब्द, आपस में कभी खटास है शब्दl गीता के उपदेश हैं शब्द, सीता के संदेश हैं शब्दl मीरा की भक्ति है शब्द, कान्हा की शक्ति है शब्दl जीवन का हर भाव है शब्द, कभी धूप तो […]

शुक्रवार कॊ प्रदर्शित हुई फिल्म ‘सिमरन’ की अवधि १२६ मिनट है। यह कॉमेडी ड्रामा है,जिसमें सितारे के रुप में कंगना, सोहम शाह, कैथरीन, ईशा तिवारी और मार्क जस्टिस आदि हैं। निर्देशक हंसल मेहता की इस फिल्म का बजट २५-३० करोड़ रुपए है। तो कहानी है अमेरिका के जॉर्जिया में ३० […]

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सुनो,आज हिन्दी दिवस है, चलो फिर कुछ गोष्ठियाँ कर डालें। कुछ अपनी जेब में, कुछ उनकी रखने का जुगाड़ कर डालें। कुछ बड़ी-बड़ी बातें तुम कहना, कुछ हम भी चलो कह डालें। गोष्ठियाँ खत्म होते ही, फिर अंग्रेजी शराब औ कबाब, अंग्रेजी फलसफ़ों का पुलिन्दा होगा। कोई नहीं थोड़ा-सा ही, […]

हिंदी कहे मैं हूँ एक सागर, मुझमें समाहित ज्ञान का गागर अपनी माटी की खुशबू लिए मैं, चलती रहूँ यूँ ही युग-युगान्तरl सदियों से हिन्दी रही है, भारतवर्ष की पहचान हिन्दी हमारी मातृभाषा है, रखें सदा हम इसका मानl हिन्दी तो है अति सहज, कोयल की मधुर वाणी हिन्दी तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।