‘आजादी के ७० वर्ष और हिन्दी की दशा’ पर रखी विचार गोष्ठी

0 0
Read Time2 Minute, 34 Second

cropped-cropped-finaltry002-1.png

बहादुरगढ़ |

`हिन्दी दिवस` के अवसर पर ‘आजादी के ७० वर्ष और हिन्दी की दशा’ विषय पर दिल्ली में विचार गोष्ठी कार्यक्रम किया गया। इसमें करुणेश वर्मा ‘जिज्ञासु’ ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता,प्रमाणिकता और वैज्ञानिकता है अद्वितीय बताया तो स्वयंसेवी संस्था ‘स्नेह’ की दिल्ली प्रदेश संयोजिका ने अपने ओजस्वी शब्दों में हिंदी के बारे में चर्चा कर श्रोताओं को मंत्रमुग्ध किया।

हिन्दी दिवस (१४ सितम्बर) के अवसर पर बहादुरगढ़(हरियाणा) में स्थानीय फस्ब् एकेडमी के प्रांगण में इस गोष्ठी कार्यक्रम को रखा गया। मुख्य अतिथि श्रीमती शीला राठी(चेयरपर्सन,नगर परिषद-बहादुरगढ़) ने अपने अभिभाषण में युवाओं का आह्वान करते हुए उन्हें हिन्दी को पूर्ण सम्मान देने की बात कही। मुख्य वक्ता पुष्पवाटिका परिवार के सदस्य व पुष्पवाटिका पत्रिका के साहित्यिक सम्पादक करुणेश वर्मा ‘जिज्ञासु’ ने हिन्दी भाषा की प्रासंगिकता,प्रमाणिकता और वैज्ञानिकता की बात रखी। हम सबको हिन्दी के प्रबल समर्थक बनना चाहिए। हमें आज उन रचनाकारों, साहित्यकारों एवं कवियों के बारे में सोचना चाहिए जिन्होंने अमूल्य सेवा कर हिन्दी साहित्य के भंडार को समृद्ध करने का प्रयास किया है।
स्वयंसेवी संस्था ‘स्नेह’ की दिल्ली प्रदेश संयोजिका तथा पत्रकारिता की छात्रा सुश्री आकांक्षा आनन्द ने बेहद ओजस्वी शब्दों में हिंदी के प्रति अपने समर्पण और जज्बात को व्यक्त किया। वक्ता श्रीमती मंजू(बहादुरगढ़) ने अपनी ओजस्वी कविता पाठ से समा बांधा।
संचालन एकेडमी के प्रमुख सुधीर भारद्वाज ने कियाl बड़ी संख्या में एकेडमी के छात्र-छात्राओं के साथ स्थानीय गणमान्य नागरिकों ने भी कार्यक्रम की शोभा बढ़ाई।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

भाषा

Fri Sep 15 , 2017
हम सभी में, कोई न कोई, जानता है, देश की हर भाषा। लेकिन घोर विडम्बना है, कि, हम, आज तक, नहीं जान पाए, अपनी, देह में अवस्थित, उस आत्मा की, ज्ञान-रूपी,भाषा॥                                       […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।