जिंदगी कड़वी सही,शक्कर मिलाना आ गया, ज़ख़्म पर अब तो हमें मरहम लगाना आ गया। अब छले जाते नहीं हैं आदमी की ज़ात से, के नज़र को भी नज़र से आजमाना आ गया। इन अंधेरों मे गुजर जाती हमारी उम्र ही, देखकर दम जुगनुओं का झिलमिलाना आ गया। ले गया […]
पूर्वज हैं हमारी जिंदगी का व्याकरण, जिन्होंने किया सबकुछ हमें समर्पण। इनके सदगुणों का करें अनुसरण, पितृगण हैं हमारे संस्कारों का दर्पण॥ विश्व व्याप्त वसुदेव-प्रेम का कर समर्थन, गाय,ब्राह्मण,श्वान,काग,को करें भोज अर्पण। क्योंकि श्राद्ध पक्ष में करते पितृ धरा पर भ्रमण, धूप ध्यान से होता पितृदोष-ऋण का निवारण॥ सर्वपितृ अमावस्या […]