स्त्री-पुरुष,एक दूसरे के पूरक हैं या प्रतिद्वंदी। यह एक ऐसा प्रश्न या गम्भीर विषय है-जिसका उत्तर हर एक की परिस्थितियों पर निर्भर करता है। कहीं यह समानता के रूप में,कहीं पूरक तो कहीं प्रतिद्वंदी के रुप में देखने को मिलता है। यदि हम पीछे देखें तो पाते हैं सृष्टि में […]

हमारे राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने केरल में वही बात कह दी,जो मैं अपने भाषणों में अक्सर कहा करता हूं। वे हमारे शायद ऐसे पहले राष्ट्रपति हैं,जिन्होंने हमारी न्याय-व्यवस्था की सबसे गंभीर बीमारी पर उंगली रख दी है। उन्होंने केरल उच्च न्यायालय की हीरक जयंती के अवसर पर कहा कि,-अदालत के […]

गैर की नजरों से गिरे तो कोई बात नहीं, अपनी नजरों से गिरकर कहां जाइएगा। हासिल न हुई शोहरतें तो कोई बात नहीं,                                                    स्वाभिमान गिरा […]

जीता तन का संग्राम मगर, मन की सरहद पर हार गया। कुरुक्षेत्र आ गया आँगन तक, लड़ना अपनी मजबूरी थी घेरे था भीषण चक्रव्यूह अपनों से अपनी दूरी थी, लड़ती थी जाने कहाँ-कहाँ यह  गुडाकेश-चेतना प्रबल, हम ही जाने क्यों भूल गए मोहन की गीता पूरी थी। सोते मूल्यों के […]

खुदा जब साथ है तेरे ऐ बंदे, तो फिर फिक्र की बात क्या है। हिम्मत का ताज रख सिर पे अपने, तेरे आगे किसी की भला औकात क्या है। होगा मुकम्मल तेरा भी हर एक सपना, जुनून के सामने तेरे ये अंधेरी रात क्या है। फतह-ए-मंजिल में मिलेंगे जख्म अभी […]

कुछ वीरान-सी हो गई ज़िन्दगी, साथी के चले जाने के बाद। अब तो दीवारें ही हो गई साथी, साथी के चले जाने के बाद। बार-बार याद आता है चेहरा साथी का, साथी के चले जाने के बाद… वो हसीन मुस्कुराता चेहरा साथी का, वो दिल को लुभाता चेहरा साथी का… […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।