आ ही जाता है,दिल जिस पर आने को है, ये ख़बर तो हो गई,इस ज़माने को है। जान कर भी बनते हैं अंजान वो, हर ख़बर दिल की मेरे दीवाने को है। सब्र का मेरे न यूँ इम्तहान न लो, बेक़रारी अब हद से बढ़ जाने को है। बन्द दरवाजे […]

मध्यप्रदेश स्थापना दिवस विशेष  देश का ह्रदय स्थल, मध्यप्रदेश।  हर धर्म-जाति का यहां समावेश॥ शत्रु भी डरते हैं,करने से प्रवेश। ऊँकार जी,महाकाल हैं नरेश॥ प्राकृतिक सौंदर्य,सुंदर परिवेश। दर्शनीय स्थलों का गढ़ मध्यप्रदेश॥ पंचमढ़ी,खजुराहो,बावनगजा विशेष। उज्जैन,इंदौर प्रसिद्ध है देश-विदेश॥ मांडू,बाग गुफा का सुंदरतम परिवेश। भेड़ाघाट,गोम्मटगिरि चर्चित देश-विदेश॥ तानसेन की स्वर लहरी,लता […]

चलो अच्छा हुआ, जो कविताओं को विधाओं के बंधनों से मुक्त कर दिया…l ये जीवन की विषमताएं,सड़कों-सी  उबड़-खाबड़ हो चली हैं…, कहीं गड्ढे तो कहीं असमान उभार, मरम्मतें भी पैबंदों-सी हो चली है…l कैसे कोई इन, खबड़ीले उछलते रास्तों पर अपने भावों की स्कूटर चलाए ??? चलो अच्छा हुआ, जो […]

धार नहीं संगम हो जाते, चोट नहीं मरहम हो जाते। बन जाती अपनी भी कहानी, तुम जो मेरे हमदम हो जाते। दे देता मैं जान खुशी से, यदि मेरे जानम हो जाते। हाथ पकड़ लेते जो मेरा, तो काँटे कुछ कम हो जाते। तोड़ते न दिल,दिल से लगा के, चूर […]

आज ख़ुशी मिली है इतनी करुँ इजहार कैसे मैं। लरजता तन हर्षित मन, करुँ गुणगान कैसे में॥ दीप जलाऊं द्वार पर मेरे, करुँ इंतजार कैसे मैं। होंठों पर हंसी,आँखों में नमी, करुँ इजहार कैसे मैं॥ सुहानी शाम आई है, ले के श्याम को मेरे। आरती सजाऊँ मंगल गाऊँ, करुँ वन्दना […]

   मधु यामिनी दो दिलों का संगीत, प्रीत के मीत मन मयूरा नाचे, गाए सौभाग्य गीत। रात चहके तो दिन निखरेगा, चन्दा चमके सूर्य भी दहकेगा, रात दिन महके। निशा के हाथ में जुगनू है ऐसे, कल्पना करें चाँदनी के रथ में, चाँद सोया हो जैसे। मन उदास पिया गए […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।