आजादी के हित नायक थे, . उनको शीश झुकाते हैं। भगत सिह सुखदेव राजगुरु, . अमर शहीद कहातें हैं। *भगतसिंह* तो बीज मंत्र सम, . जीवित है अरमानों में। भारत भरत व भगतसिंह को, . गिनते है सम्मानों में। *राजगुरू* आदर्श हमारे, . नव पीढ़ी की थाती है। इंकलाब की […]
साज़िशें बनती रही मुझको मिटाने की, मैं इनायतें समझती रही ज़माने की, रखती हूं हौंसला आसमान को छूने का, परवाह नहीं करती ज़मीन पर गिर जाने की, तज़ुर्बे से गिन लेती हूँ उड़ती चिड़िया के पर, आदत नहीं मुझे हवा में तीर चलाने की, उठती रही मैं हरबार ज़िंदादिली के […]
दोहा- मेघपुष्प पानी सलिल, आपः पाथः तोय। लिखूँ वन्दना वरुण की,निर्मल मति दे मोय।। चौपाई- प्रथम गणेश शारदे वंदन। वरुण देव,पाठक अभिनंदन।।१ जल से जीवन यह जग जाना। जल मे प्राणवायु को माना।।२ जल से जीव और परजीवी। जल से वसुधा बनी सजीवी।।३ जल से अन्न अन्न से जीवन। जल […]
. १ कड़वी सच्चाई कहूँ, कर लेना स्वीकार। फाग राग ढप चंग बिन, होली है बेकार।। . २ होली होनी थी हुई, कहँ पहले सी बात। त्यौहारों की रीत को,लगा बहुत आघात।। . ३ एक पूत होने लगे, बेटी मुश्किल एक। देवर भौजी है नहीं, कित साली की टेक।। . ४ साली भौजाई बिना, […]
. १ वरुण देव को सुमिर के,नमन करूँ कर जोरि। सागर वंदन मैं लिखूँ, जैसी मति है मोरि।। . २ जलबिनथल क्या कल्पना, सृष्टा *रत्नागार*। वरुणराज तुमसे बने , वंदन *नीरागार*।। . ३ अगनित नदियां उमड़के,आती चली *नदीश*। सब तटिनी तट तोड़नी, रम जाती *बारीश*।। . ४ विविधरूप जीवन सरे,प्राणप्रिय […]
. *१* अपने भारत देश में, मने खूब त्यौहार। लोकतंत्र का पर्व जब, चुने भली सरकार।। . *२* पर्व सभी देते खुशी, संविधान अधिकार। वोट अगर डालें सभी, तभी पर्व साकार।। . *३* होली का संदेश है, करो बुराई दूर। लोकतंत्र का मान हो, वोट पड़े भरपूर।। . *४* सबको गले लगा सखे,होली करो […]
आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है।
आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं।
मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया।
इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं।
हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।