भारत की माटी के कण-कण में महक तुम्हारी | जन – जन  के कल्याण की जननीति तुम्हारी || सदा सुगंधित रहेगी यादों की बगिया प्यारी-प्यारी | गौरवपूर्ण आस्था संविधान में रही हमेशा तुम्हारी || अद्भुत – मनमोहक,  शुद्ध – सरल  कवि  हृदय  ‘अटल’ | माँ भारती के सच्चे सेवक, हिंदी […]

चीख रही है धरती आज तड़प रहा है अंबर। अश्रु बहाती गंगा अपनी अस्थिर है दिगंबर (ब्रह्मांड)। छोड़ गया है आज हमें वह देख जिसे था सीखा जीना। सीखा गया है आज हमें वह शंकर बन हलाहल पीना। सूनी संसद भरती आंहें भारत माता पड़ी है मौन। त्राहि त्राहि पूछ […]

ये दिन कर्फ्यू के हैं काव्य-संग्रह : स्वाति श्वेता संस्करण : प्रथम 2018 प्रकाशक : भारत पुस्तक भंडार, दिल्ली पृष्ठ संख्या : 100 मूल्य : 250 /- रुपए *********************** संवेदनशील कवियित्री स्वाति श्वेता जी का सद्य प्रकाशित प्रथम काव्य संग्रह जिसमें आपने अपने आसपास नज़र आ रही संवेदन शून्यता को […]

रिमझिम – रिमझिम करता सावन आया | तड़-तड़ करती चमकीली बिजली लाया || मोर नाचते, कोयल गाती मीठे-मीठे गान | बागों में झूले पड़े साथ मल्हारों की तान || बिन साजन सजनी तड़पे काली-काली रात | और ऊपर से बेरिन बनी वो मंद-मंद बरसात || टर्र-टर्र मेंढक करें, साँय-साँय करती […]

पैंतालीस मिनट चला था इंटरव्यू दर्शना का। उसके पहले के सभी उम्मीदवार 10 मिनट में आ गये थे। एक उम्मीद बँधने लगी थी इस नौकरी की। चार महीने से समर बिस्तर पर है तीन महीने अस्पताल में रहने के बाद। फिजियोथेरेपिस्ट और नर्स भी जरूरी है। हर दो घंटे बाद […]

सतपुड़ा की रानी निखर उठती है जब मेघ डेरा जमाते हैं पर्वतश्रृंखला पर। एक दो बरसात के बाद व्ही-फॉल की जवानी लौट आती है। बस सनसेट पाइंट उदास हो देखता रहता है दूर बादलों की धींगा मस्ती। लगता है गीली लकड़ियों को सुलगा दिया है और धुआँ चित्र विचित्र आकृतियों […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।