तुम्हें अपना बनाना है नहीं आसाँ अगर सुन लो। तुम्हारे ही लिए अपना सभी कुछ फिर लुटा देंगे॥ कहेगा दास्ताँ अपनी धरा औ…आसमाँ सबसे। तुम्हारे नाम से हम प्यार की गंगा…बहा देंगे॥ तेरे बिन हिज्र में रातें गुजारी हैं…बड़ी मैंने। लुटाकर दिल तुझी पर वस्ल भी हमदम करा देंगे॥ बड़ी […]

तीन रंग से बना तिरंगा, ये आत्मा है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सीमा पर लहराता तिरंगा, पहचान है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll कभी झुकने न देना तिरंगा, बलिदानी इज्जत है अपनीl तिरंगा शान है अपनीll सैनिक की शौर्य गाथा तिरंगा, ये अमर वीरता है अपनीl तिरंगा शान है […]

मेरा देश रो रहा है, कैसे इसे आज़ाद मानूं ? ये जकड़ा है सम्प्रदायिक ताकतों से, कैसे इसे आज़ाद मानूं ? ये पटा पड़ा है, विदेशी कंपनियों से कैसे इसे आज़ाद मानूं ? महिला जहाँ सुरक्षित नहीं, कैसे इसे आज़ाद मानूं ? जिस देश में बच्चियों को एक सांस नसीब […]

छल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। है कभी मिठास तो, है कभी खटास भी। महफिलें सजी हुई, है कभी वनवास भी॥ ढल रही है जिंदगी, चल रही है जिंदगी। उम्मीदों के तूफान है, डूब का अनुमान है। हौंसलों की नाव पर, किनारों का अरमान है॥ संभल रही है […]

किसी की रूह से जुड़कर उसका वजूद लूटने वाले खुद की तलाश में मारा- मारा, फ़िर रहा वो आवारा। तुम क्या जानो-क्या होती है तन्हाई,चीखती खामोशी, तुम्हें एहसास नहीं कराया मैंने बंद कमरे में कैद-घुटन का। वो चिलमिलाती धूप-सी चुभती तेरी यादें, आंखों में खून ला देती हैं लेकिन तुम […]

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आँखों में ना है पानी,दिल में नहीं मुहब्बत, इंसान के सीने में,हर दिल बदल रहा है। उड़ते बेखौफ पंछी,अपनी ही मौज में। सरहदे बंट रही है,आसमां, बदल रहा है॥ गुस्ताखी माफ़ हो गर,कह दूँ कुछ गलत मैं। लौटा दो वे बहारें, ‘मन’ की यही दुआ है। जाने क्यों आजकल,मौसम बदल […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।