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शिव-शिव कह उठ हर सुबह,
सुमिर शिवा सो रात।
हर बिगड़ी को ले बना,
कर न बात बेबात।
समय-शिला पर दे बना,
कोशिश के नव चित्र।
समय-रेत से ले बना,
नया घरौंदा मित्र।
मिला आँख से आँख तू,
समय सुनेगा बात।
हर बिगड़ी को ले बना,
कर न बात बेबात।
समय सिया है,सती भी,
तजें राम-शिव जान।
यशोधरा तज बुद्ध बन,
सही समय अनुमान।
बंध रहे सम तो उचित
अनुचित उचित न तात।
हर बिगड़ी को ले बना,
कर न बात बेबात।
समय सत्य-सुंदर वरो,
पूज शिवा-शिव संग।
रंग न हों बदरंग अब,
साध्य न बने अनंग।
सतत सजग रह हर समय,
समय न करे दे घात।
हर बिगड़ी को ले बना,
कर न बात बेबात॥
#संजीव वर्मा सलिल
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