नई दिल्ली। विश्व पुस्तक मेले में साहित्यकार शिवकुमार बिलगरामी के ग़ज़ल संग्रह ‘वो दो पल’ का विमोचन किया गया। संसदीय राजभाषा समिति के उपाध्यक्ष डॉ.सत्यनारायण जटिया, उच्चतम न्यायालय के सेवानिवृत्त न्यायमूर्ति पानाचन्द जैन,दिल्ली के मौजूदा न्यायमूर्ति तलवंत सिंह,वरिष्ठ पत्रकार राहुल देव एवं संपादक राकेश पाण्डे द्वारा प्रगति मैदान के […]

सवालों के जंगल में खो गई है ज़िन्दगी। उम्मीद के सैलाब में बह गई है ज़िन्दगी॥ बेबस  है हर कोई,मंज़िल न मालूम। मुसाफिर बन के,रह गई है ज़िन्दगी॥ हर सुबह लेती है,जन्म एक नई ख्वाहिश। न जाने कैसे-कैसे खवाब,सजाती है ज़िन्दगी॥ कभी खुशनुमा कभी,गमगीन आई  मंज़िलें। सुकून के इंतज़ार में,कट […]

2

अपने ही दम पे उड़ती हुई पतंग हूँ, पता नहीं डोर का कच्ची है,कि पक्की, हवाओं के सहारे निकली हुई पतंग हूँ। मिल जाए खुला गगन तो पवन की क्या बिसात, अंदर से चोट खाई हुई पतंग हूँ। कौन उड़ाए, कौन काटे कौन लूटेगा मुझे, क्या पता ? लुटेरों की […]

सुकून-ए-दिल जानने को इतना काफी है। बिस्तर की मेरे आकर सिलवटें गिन जाना॥ ये रात गवाह है मेरी इससे ही पूछ लेना। फिर भी यकीं न आए मेरी करवटें गिन जाना॥ मेरा दर्द ‘अमित’ कितनी हदों को पार कर आया। कभी भूलकर आओ तो वो हदें गिन जाना॥    #अमित शुक्ला […]

आज सुबह का नजारा बहुत ही हसीन है, धूप खिली है गुनगुनी,मौसम बेहतरीन है। हर सुबह पुरानी सुबह से कुछ नया लाती है, जब भोर के साथ परिंदे उड़ते हैं चिड़िया गुनगुनाती है। सुबह की ये किरणें नई उम्मीद लाई हैं, ठण्ड में ये गर्माहट फिर लौट आई हैं। मेरे […]

माँ ही मेरी दुनिया,माँ ही जहान है, दुनिया के सभी रिश्तों में माँ ही महान हैl  माँ मेरी लक्ष्मी,माँ ही सब भगवान है, माँ तेरा बेटा अभी भी नादान हैl   जब कोई संकट में रहता है, तो माँ का आँचल ही सिर पर पाता हैl  इसलिए दौड़कर माँ के […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।