`अ` से ज्ञ` तक लेकर अक्षर, हम सुंदर गीत लिखें। जिसमें अपनी भारत माँ का, रंग-रुप सुंदर दिखे। प्यारा हिन्दुस्तान,प्यारा हिन्दुस्तान, प्यारा हिन्दुस्तान,प्यारा…। `अ`-अलख जगाकर देशभक्ति का, लिखें इक गीत वितान। `आ`-आओ सारे भारतवासी, लिखें भारत जय गान। `इ`-इंडिया को फिर बना लें, अपना प्यारा भारत। `ई`-ईश्वर ने भर दी […]

  गीतों का मल्हार लिए, फूलों का श्रंगार लिए। खिल गए फूल अनन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ फूलों से खेत हो रहे हरे-भरे, पक्षी गीत गा रहे भावना भरे। नर-नारी और झूमे साधू सन्त, आ गया देखो प्यारा बसंत॥ नदियाँ फूलों से श्रृंगार करे, धरा भी किरणों से मांग […]

उत्तरायण हो गए हैं सूर्य जब से,शीत कम करने लगीं अपनी हवाएं। छँट रही है धुंध सब वातावरण से,फूल कलियों से हुई लकदक लताएं॥ तेज होती धूप की बढ़ती तपन से,बर्फ की चादर पिघलती जा रही है। शीत से होती शिथिल इस ज़िन्दगी में, अब नई उर्जा नवल गति आ […]

  ऋतुराज वसंत प्यारी-सी आई, पीले-पीले फूलों की बहार छाई। प्रकृति में मनोरम सुंदरता आई, हर जीव जगत के मन को भाई। वसुधंरा ने ओढ़ी पीली चुनरिया, मदन उत्सव की मंगल बधाईयाँ। आँगन रंगोली घर-द्वार सजाया, शहनाई ढोल संग मृदंग बजाया। वसंत पंचमी का उत्सव मनाया, मां शारदे को पुष्पहार […]

हम बालक नादान मैया,तेरी शरण में आए हैं। दे दो हमको ज्ञान जरा-सा,तुझे रिझाने आए हैं॥ तू करूणा स्वरूपिनि माँ,तू ही ज्ञान की दाता है। छोड़ कहाँ हम जाएं तुझको,तू ही हमारी माता है॥ रिश्ता है ये पावन अपना,तुझे बताने आए हैं… ना कोई मंजिल हमारी,ना राहों का है पता। […]

हे माँ शारदे, हमें ऐसा वर दे ज्ञान के चक्षु खोल दे, तम छाया है अज्ञान की अंधेरी नगरी की यहाँ, चारों तरफ माया है, यहाँ ज्ञान के मंदिर बहुत बने पड़े हैं, यहाँ रोज द्वार भी खुलते हैं, गुरु और शिष्य भी यहाँ रोज मिलते हैं, लेकिन यहाँ पहले […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।