कब टूट जाए किसे है पता, साँसों का कोमल तार है जीवन। बहने देना पर बहकने न देना, सरिता की शीतल धार है जीवन। मधुर माया-जाल में फंसना न ‘सावन’, सुन्दरी का सोलह श्रृंगार है जीवन। ऐ मन-मयूर! मत करना गुरूर, क्षणिक बसन्त-बहार है जीवन। सप्त-सुरों के सरगम से सुसज्जित, […]

जब भी हम किसी काम में असफल होते हैं तो हमेशा से ही,अपने बड़ों से सुनते आए हैं कि,-`हिम्मत रखो,फिर से कोशिश करो,सफलता जरूर मिलेगी`,लेकिन आज के बच्चे बेचारे,उतने सफल नहीं हो पाते जितनी वो मेहनत करते हैं। सबसे बड़ा कारण आरक्षण नीति है। कोई विवाद न हो, इसलिए यह […]

जग को निहारने का सौभाग्य मिला, मातृत्व का जब वरदान मिला। ईश्वर जैसा मुझे सहारा मिला, जब माँ की ममता का आसरा मिला। आँचल में छुपकर भूख-प्यास सब मिटी, माँ का जब मुझे दुलार मिला। सबकी बुरी नजरों से मुझे बचाती, माँ से ही मुझे अपनापन मिला। सुकून से सो […]

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करो नए कुछ काज तो कोई बात बने,  मिले तुम्हें भी ताज तो कोई बात बने।    नाम तेरा भी दिखे सुनहरे अक्षर में,  हो तुम पर जो नाज,तो कोई बात बने।    अगर बेटियाँ उड़ें गगन में ऊपर तक,  उन्हें समर्पित साज तो कोई बात बने।    अच्छा सोचो […]

मेरा देश आज दो नामों में बँट गया है भारत और इण्डिया भारत पूर्वीय दैवीय गुणाच्छादित सभ्यता का प्रतीक और इण्डिया पाश्चात्य सभ्यता काl भारत इण्डिया के भार से दबा जा रहा है, अधोपतन के गर्त में डुबाया जा रहा हैl भारत की सात्विक संस्कृति की छाती पर इण्डिया की […]

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धूल लगी उस किताब को, क्या फिर से खोल पाओगे…l  जो गुजर गई है बातें सारी, क्या उन्हें फिर से दोहराओगे…ll    माना काबिल बहुत हो तुम, और गम से तुम बेगानी हो…l  खूबसूरती की जो शमा जले तो, तुम परियों की रानी हो…ll    तुम्हारी मदमस्त आंखों से क्या, […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष, ख़बर हलचल न्यूज़, मातृभाषा डॉट कॉम व साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। साथ ही लगभग दो दशकों से हिन्दी पत्रकारिता में सक्रिय डॉ. जैन के नेतृत्व में पत्रकारिता के उन्नयन के लिए भी कई अभियान चलाए गए। आप 29 अप्रैल को जन्में तथा कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएच.डी की उपाधि प्राप्त की। डॉ. अर्पण जैन ने 30 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण आपको विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन द्वारा वर्ष 2020 के अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से डॉ. अर्पण जैन पुरस्कृत हुए हैं। साथ ही, आपको वर्ष 2023 में जम्मू कश्मीर साहित्य एवं कला अकादमी व वादीज़ हिन्दी शिक्षा समिति ने अक्षर सम्मान व वर्ष 2024 में प्रभासाक्षी द्वारा हिन्दी सेवा सम्मान से सम्मानित किया गया है। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं, साथ ही लगातार समाज सेवा कार्यों में भी सक्रिय सहभागिता रखते हैं। कई दैनिक, साप्ताहिक समाचार पत्रों व न्यूज़ चैनल में आपने सेवाएँ दी है। साथ ही, भारतभर में आपने हज़ारों पत्रकारों को संगठित कर पत्रकार सुरक्षा कानून की मांग को लेकर आंदोलन भी चलाया है।