हमेशा जो महत्व है, शादी में दुल्हन का, सर्वदा वही महत्व है, शादी में लाल रंग का। लाल रंग प्रतीक है, आपस में प्यार का, यह एक प्रतीक है, साहस,ताकत के संग, प्रेम और सौंदर्य का। इसलिए! दुल्हन का जोड़ा लाल, दुल्हन का सिंदूर लाल, दुल्हन की मेहँदी लाल, दुल्हन […]

महंगाई ने कैसा! सितम कर दिया, है न जीने दिया, और न मरने दिया, दाम बढ़ने लगा, मांग घटने लगा, और बैचेनी की! हमको वजह दे गया, तेल ऊपर चढ़ा, और चढ़ता ही गया, रूप्या नीचे गिरा, और गिरता ही गया। चढ़ने उतरने के! इस खेल में, हम भी गिरते […]

एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, रात की बात  चली अभी दूर सबेरा है, सुंदरता पर पहरा, लोभी का डेरा है, बंदिश इतनी फिर भी चांदनी बिखेरा है । एक चाँद अकेला है, बादल ने घेरा है, नीरव  रजनी सोचे प्रियतम से बात करे चकोर देख चहके, प्रियतम […]

ए मेरे हमसफ़र, ओ मेरे दिलबर, तुझे पाकर! तेरा मैं दीवाना हुआ, इस जग से भी, अब मैं अंजना हुआ, मैं तो खुद से भी, अब तो बेगाना हुआ। तेरी जुल्फ़ें! ओ कातिल अदाएं तेरी, तेरी आँखों का काजल! दिल चुरा ले गयी, तेरी ओठों की! मादक मुस्कुराहट मेरी, तेरे […]

दुश्मन आँख दिखाया है, सरहद तक चढ आया है , कितनी जाने गयी आज तक कितना लहू बहाया है । हम पूछते देश चलाने वालों राजनीति इतनी प्यारी क्यों है । अबतक चुप्पी धारी क्यों है । वार नहीं करना है तुमको फिर तलवार निकाली क्यों है । वीर नहीं […]

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जीवन की गाडी ठीक नही पर उसे रोज  बनाते है | कभी दाल भात मिल जाता है कभी सूखी रोटी खाते है|     हम अपना भार उठाते है कंधे पर मेरे गुरु भार है परिवार से खूब प्यार है पढने लिखने की उम्र मे रोजी रोटी कमाते है    हम […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।