सरहद तक चढ आया है ,
कितनी जाने गयी आज तक
कितना लहू बहाया है ।
हम पूछते देश चलाने वालों
राजनीति इतनी प्यारी क्यों है ।
अबतक चुप्पी धारी क्यों है ।
वार नहीं करना है तुमको
फिर तलवार निकाली क्यों है ।
वीर नहीं सह सकते ललकार
सैनिक पर बन्दिश धारी क्यों ।
कायर कबतक वार करेगा
एक वार करने से मरेगा
सहनशीलता बहुत हो गई ।
इतनी भी लाचारी क्यों है ।
राजनीति इतनी प्यारी क्यों है ।
तोप लडाकू विमान रहे हैं
परमाणु बम तैयार रहे हैं ।
हिम्मत केवल नहीं रही क्यों
दुश्मन में ऐय्यारी क्यों
झूठी ये तैयारी क्यों
इतनी भी लाचारी क्यों ।
देश भक्ति सर्वोपरि रखिए
राजनीति उसपर भारी क्यों ।
सैनिक के परिवार में आशू की
एक एक बूँद का बदला ले लो
हिम्मत करके निर्णय एक तगडा ले लो
चुप्पी अबतक धारी क्यों
इतनी भी लाचारी क्यों
ना अबतक तोप निकारी क्यों
दुश्मन अबतक भारी क्यों
यह तलवार दुधारी क्यों
राजनीति इतनी प्यारी क्यों ।
कमजोर है आंख दिखाएँ
फिर हम कैसे चुप रह जाए
समय आ गया यही आज।
इनको सबक सिखाया जाए।
अबतक वार्ता जारी क्यों
दुश्मन से है यारी क्यों
आर पार हो जाए अब
राजनीति इतनी प्यारी है क्यों
इच्छा शक्ति कहाँ छिपी है
अब गर्जन नहीं सुनी है
इतनी चुप्पी धारी क्यों
मार रहा दुश्मन सीने पर
अबतक न हुंकारी क्यों
राजनीति इतनी प्यारी क्यों ।
देश भक्ति सर्वोपरि रखिए
कितनी भी हो बाधाए
कफन बाँध कर निकले हम सब
सिंह नाद करते जाए
नहीं डरते भारत संतति
अबतक चुप्पी धारी क्यों
राजनीति इतनी प्यारी क्यों ।
#विन्ध्य प्रकाश मिश्र विप्र