मेरा सब कुछ मधुकर परिवार, गुरुवर आ जाओ एक बार, मधुकर आ जाओ,गुरु आ जाओ.. गुरु आ जाओ एक बार। मेरी नैया पार लगा जाओ,मेरी बिगड़ी बात बना जाओ, नित ह्रदय करे पुकार,मधुकर आ जाओ एक बार… मेरा सब कुछ मधुकर परिवार,गुरुवर आ जाओ एक बार…l लाखों को दरश दिखाया […]

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वो भी क्या समय था,जब सारा दिन हम तेरी यादो में खोया करते थे। वो भी क्या रातें थी,जब हम तेरी यादों के बिछौने पर सोया करते थे।। जब हम मिले थे,आसमां ने भी खुशियों के मोती हम पर बरसाए थे। एक-दूसरे की बाँहों में हम,जीवन बिताने के सपने संजोया […]

सरकार कहती है `डिजिटलीकरण` करो। बैंक कहते हैं-`अंधाकरण` करो। जब अंधे बैंक लूट सकते हैं,तो बैंक कर्मचारियों को अंधा नहीं कहा जा सकता। आप कैशलेस होना चाहते हैं,बैंक वही तो कर रहे हैं।  आपको कैशलेस और खुद को कैशवान। बैंक नारा देती है-रिश्तों की जमा पूंजी-आपको समझ में नहीं आता […]

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माँ का दिल न जाने किस फौलाद का बना होता है, औलाद की हर तपन सहता है। माँ का दिल न जाने किस मिट्टी का बना होता है, रोज आँसूओं की असीम बारिश सहता है फिर भी नहीं गलता है। माँ का दिल घर की विपत्ति में चट्टान-सा अड़ा होता […]

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दिल जलाया इस कदर कि राख हो गया, उनकी नजरों में मेरा रिश्ता खाक हो गया। जो चाहने लगे हैं,वो सताने लगेंगे एक दिन, पास आकर एहसान जताने लगेंगे एक दिन… जरा सा संभलकर रहना इन चाहने वालों से, अक्सर औकात याद दिलाने लगेंगे एक दिन.. दिल जलाया इस कदर…….। […]

वर्तमान परिदृश्य में देखें तो भारत के सबसे अधिक लोगों के बीच अभिव्यक्ति का,विचार प्रेषित करने का माध्यम हिन्दी भाषा ही है,पर वह सिमटती जा रही है। उसका क्षेत्र कम हो रहा है। आजादी के वक्त जहाँ हिन्दी सम्पूर्ण उत्तर भारत में लोकप्रिय थी और संविधान निर्माताओं ने लक्ष्य रखा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।