अश्क बहुत बहाए हैं

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sourabh
वो भी क्या समय था,जब सारा दिन हम तेरी यादो में खोया करते थे।
वो भी क्या रातें थी,जब हम तेरी यादों के बिछौने पर सोया करते थे।।

जब हम मिले थे,आसमां ने भी खुशियों के मोती हम पर बरसाए थे।
एक-दूसरे की बाँहों में हम,जीवन बिताने के सपने संजोया करते थे।।

काश तुम इस जमाने की बातों से ज्यादा,मेरे प्रेम पर विश्वास कर लेती।
लोगों द्वारा रचे गए षडयंत्र का,हल्का-सा भी आभास कर लेती।।

तुम्हारे-हमारे दरमियां इस तरह,ये फासलों की दीवार खड़ी नहीं होतीं।
अगर तुम मेरी अनकही बातों का, अपने दिल में अहसास कर लेती।।

अब भी तुम्हें तन्हाई में अक्सर,मेरी याद तो आया करती होगी।
उन रुहानी बातों की यादें,तेरी पलकों को भिगाया करती होगी।।

अक्सर तुम्हारी पलकें जब रुदन करके,थक जाया करती होंगी।
तब तुम उस टेडी बियर को,तकिया बनाकर सो जाया करती होंगी।।

मेरे लिखे वो सन्देश जो,तुमनेे बिना पढ़े या पढ़कर मिटाए हैं।
रात भर तुम्हारी यादों में,मेरी आँखों ने अश्क बहुत बहाए हैं।।

जरा सोंचो उन हसीन यादगार,लम्हों की पुरानी बातों को।
अपने दिल की दहलीज पर बैठकर अक्सर,हम बहुत पछताए हैं।।

                                                                        #सौरभ जैन(उज्जवल)

परिचय : रचनाकार बनाने की दिशा में सौरभ जैन का प्रयास जारी है। रामपुर मनिहारिन( जिला-सहारनपुर) के निवासी हैं और बी.कॉम.कर लिया है। २२ वर्ष के सौरभ शायरी व छंदमुक्त काव्य रचना को अधिक पसंद करते हैं।

matruadmin

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One thought on “अश्क बहुत बहाए हैं

  1. जिंदाबाद बहुत अच्छे सौरभ जी मुझको ये बहुत पसंद आई है

    – कवि रजत राव

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।