हम क्या से क्या हो गये भ्रम में पड़े बीमार हो गये हिंदू-मुस्लिम करते-करते खूनी दंगों के शिकार हो गये मंदिर-मस्जिद बनाते-बनाते हम स्वयं के घर से बेघर हो गये सही क्या और गलत क्या पता लगाते-लगाते गुम हो गये छलावे से भरा रौनकी बाजार झूठे यहाँ माला-माल हो गये […]