मोबाइल फोन पर हरेलाल गिड़गिडाये जा रहे थे | उनकी आँखों में आये आँसू और मुरझाये चेहरे, सूखे होठों से साफ पता चल रहा था कि हरेलाल पर दिन दहाडे बिजली गिरी है | चौका (गांव की रसोई) में बैठी हरेलाल की धर्मपत्नी शरबती देवी को भी आभास हो गया, […]

धधक रही बिहार की छाती चहुँओर पसरता मातम बेशर्म दिल्ली चुप्पी सादे है डाक्टर तो बस प्यादे हैं तड़प-तड़प मासूम मर रहे मंत्री क्रिकेट के स्कोर पूछ रहे कैसा ये भारत का नव निर्माण बेबस ममता के निकल रहे प्राण धरती कांपें और अम्बर कांपें पर कांपा नहीं शैतानी सिंहासन […]

पानी सफेद सोना है और यह सोना इस समय भारत के अधिकांशत: गांवों में सडकों और नालियों में बुरी तरह से बहाया अथवा फैलाया जा रहा है | इसी सफेद सोने की बूंद – बूंद के लिए भारत के कुछ हिस्सों में प्राणी तरस रहे हैं | लेकिन जहाँ यह […]

डेहरी- कुक्षी (धार )। संस्कृति की धरोहर मातृभाषा सर्वज्ञ है, वेदमाता के प्रांगण में हिंदी का महायज्ञ है।उक्त उदगार वेदमाता गायत्री तथा श्री राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर स्थानीय गांधी चौक में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में ओज के प्रसिद्ध कवि मुकेश मोलवा ने कहें। अपने चिर […]

हे भारत माता तेरा अभिनन्दन तेरी मिट्टी का कण-कण चन्दन चाहूँ तेरे चप्पे-चप्पे में हो उजियारा दूध-दही की बहती रहे सदा नदी धारा यहाँ के नेताओं को मिले सद्बुद्धि विधर्मियों की हो जाये बस शुद्धि कोई जन न कर पाये कभी क्रंदन हे भारत माता तेरा अभिनन्दन आतंकवाद-नक्सलवाद मिट जाये […]

तुम जीत लेना हजारों युद्ध / महायुद्ध लेकिन तुम्हें अन्त में तो हारना ही है | स्वयं से अथवा स्वजनों से, आजतक कोई नहीं जीत सका स्वयं से / स्वजनों से, इतिहास गवा है राम हारे तो अपनों से, रावण हारा तो अपनों से इस दुनिया में कोई ऐसा योद्धा […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।