वेदमाता के प्रांगण में माँ हिंदी का महायज्ञ है- कवि मुकेश मोलवा*

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डेहरी- कुक्षी (धार )।

संस्कृति की धरोहर मातृभाषा सर्वज्ञ है, वेदमाता के प्रांगण में हिंदी का महायज्ञ है।उक्त उदगार वेदमाता गायत्री तथा श्री राम मन्दिर की प्राण प्रतिष्ठा के अवसर पर स्थानीय गांधी चौक में आयोजित राष्ट्रीय कवि सम्मेलन में ओज के प्रसिद्ध कवि मुकेश मोलवा ने कहें।
अपने चिर परिचित अंदाज में कवि मोलवा ने पुलवामा हमले पर कहा- कर्ण की दानवीरता मुंह ताकती रही.. वह चिथड़ों में देहदान कर चले गए… सेना के एयर स्ट्राइक पर पढ़ी गई कविता में केवल इक्कीस मिनट में ही जेश ए मोहम्मद की धज्जियां उड़ा दी। रात्रि तीन बजे तक चले कवि सम्मेलन में नागपुर की कवयित्री सरिता सरोज ने सरस्वती वंदना की, धार के शिव शैलेन्द्र यादव ने अरे द्वारपालों कन्हैया से कह दो गीत प्रस्तुत किया, कसरावद के जितेंद्र यादव ने निमाड़ी हास्य कविता का पाठ किया, बारां राजस्थान से आये रूपसिंह हाड़ा ने ‘मन्दिर से पहले शहीदों को शीश झुकाउ कविता पढ़ी। कार्यक्रम के संयोजक रूपेश राठौड़ ने श्री राम मंदिर बनवा दो मोदी जी रचना प्रस्तुत की, कवि सम्मेलन में धीरज शर्मा नालछा, यशवंत सिंघम मन्दसौर, अरुण सिर्वी आदि ने कविता पढ़ी।
कवि सम्मेलन का संचालन देवास के हास्य कवि कुलदीप रंगीला ने किया,
महाकाल सेना एवं गायत्री मन्दिर प्रतिष्ठा समिति द्वारा अयोजित कवि सम्मेलन में जिला पंचायत सदस्य वीरेंद्र सिंह बघेल तथा सरपंच प्रतिनिधि दादू सिंह अतिथि रहें ।
जितेंद्र राठौड़, सन्दीप राठौड़, प्रितेश सोनी, श्रवण सोलंकी, राम जी अग्रवाल, जितेंद्र जिराती ने कवियों का स्वागत किया। इस अवसर पर पत्रकार मुकेश गहलोत, विक्रम डाबी, रवि काग की उपस्थिति रही। प्रारंभिक संचालन मोहन काग एवं आभार जितेंद्र राठौड़ ने व्यक्त किया। देर रात तक सुधीजनों ने कवि सम्मलेन का आनंद उठाया, और जनता एवं मातृशक्ति की सहभागिता ने कवि सम्मेलन की रौनक बढ़ाई |

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।