गजल

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madhusudan
आरजू है मेरी  बस पढ़ा  दीजिये।
आप बस इतनी मुझको रज़ा दीजिये।00
हाथ पीले करो  मत अभी से मेरे,
चाहे जितनी भले तुम सजा दीजिये।01
मैं अठारह बरस से जियादा लगू।
आप शादी मेरी फिर करा दीजिये।02
नाम मेरा नही वोट  की लिस्ट में।
नाम मेरा भी उसमे जुड़ा दीजिये।03
लड़कियां शान शौकत है माँ बाप की।
इनको दिल से कभी ना विदा दीजिये।04
लाभ की योजनायें है सरकार की।
लिंक आधार से पर करा दीजिये।05
आउंगा मैं तुम्हारे यहाँ पर तभी।
भीड़ भक्तों की काफी जुटा दीजिये।06
खो न जाए कोई  भीड़ में सो सुनो।
आप सबको पता बस रटा दीजिये।07
चाहते हो अगर मुल्क को तोड़ना।
आप आपस में सबको लड़ा दीजिये।08
खेल होली का मुझको पसन्द तो नही।
प्यार से आप फिर भी लगा दीजिये।09
लोग पीछे पड़े  किस वजह क्या पता।
आप बातों को उनकी दफा दीजिये।10
होते नेता बुरे  सब कहाँ देश में।
चन्द दुष्टों को ‘मधु’गर भुला दीजिये।11
नाम~ मधुसूदन गौतम
पिता~श्री नन्दबिहारी शास्त्री
माता~ श्रीमती सन्तोष
शिक्षा~अधिस्नातक
व्यवसाय~ व्याख्याता
राजकीय बालिका उच्च माध्यमिक विद्यालय  अटरू राजस्थान
साहित्यिक~ शौक के तौर पर कलम घिसाई
विधा का नाम—कलम घिसाई

matruadmin

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।