परिचय : मुकेश बोहरा ‘अमन’ अधिकतर बाल रचनाएँ रचते हैं। आप पेशे से अध्यापक होकर बाड़मेर (राजस्थान) में बसे हुए हैं।
Read Time55 Second
पचपन में भी,
बचपन का मन
जिंदा रहना चाहिए।
आसमान के हर कोने में,
पंख सुनहरे सपनों वाला
परिंदा रहना चाहिए॥
सौ सुनहरे तारों पर भी,
आसमां में सबका मनहर
चंदा रहना चाहिए।
सागर की सौ लहरें फिर भी
जीवन हर पल
जिंदा रहना चाहिए॥
अल्हड़पन और मस्ती खातिर,
दिल भी हमदम
बच्चा रहना चाहिए।
‘अमन’ चमन में खुशबू को तो,
गुलाब-मोगरा
गेंदा रहना चाहिए॥
क्या जीवन का मोल,
बुलंद फहरता
झंडा रहना चाहिए।
सौ बात की एक बात बस,
बचपन की धुन
बंदा रहना चाहिए॥
#मुकेश बोहरा ‘अमन’
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
September 13, 2019
अपने होंठों पर सजाना चाहता हूँ
-
September 14, 2020
मधुशाला परिवार द्वारा ई पुस्तक कलम चलने दो- 3 का विमोचन सम्पन्न..*
-
November 14, 2019
एक अद्वितीय मंदिर की विशेषपरम्परालिंग-भेद नहीं है: विहिप
-
March 22, 2017
गीता गीत -राधेश्याम
-
September 11, 2017
बेटी