नाराजगी

0 0
Read Time1 Minute, 5 Second

devendr soni
रिवाज़ सा हो गया है आजकल
बात- बेबात पर नाराज रहने का।

यह नाराजगी होती है ,
कभी अच्छी तो
कभी देती है पीड़ा अधिक
पर मैं इसे हमेशा सुखद ही
मानता हूँ ।

चलता है इससे मन में
रूठने और मनाने का द्वंद
जो उपजाता है -अंततः करुणा
परिणित होना ही होता है जिसे
फिर आनन्ददायी प्रेम में।

रहती है जब तक यह
सीमा में अपनी
देती है सीख कई , नयी-नयी
पर तोड़े जब यह मर्यादा
मिलती है फिर पीड़ा घनी।

चुनना हमको ही है , इनमें से
नाराजगी का कोई एक – रूप
सुख से रहना है या
रहना है फिर दुखी सदा ।

अटल सत्य है यह तो
रहना है ज़िंदा जब तक
छूट सकती नही हमारे
स्वभाव से नाराजगी ।

होती है यह ज्यादा कभी तो
खुद ही हो भी जाती है कम
समझ लें इसको थोड़ा सा
और खुशहाल रहें हरदम।
   #देवेंन्द्र सोनी, इटारसी

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

रिखब चन्द राँका  राष्ट्रीय स्तर पर होंगे सम्मानित

Wed May 23 , 2018
 जयपुर| विशुद्ध स्वर्णिम संयम दीक्षा महोत्सव राष्ट्रीय कार्यकारिणी के प्रचार प्रमुख व  मातृभाषा उन्नयन संस्थान राजस्थान के प्रदेश अध्यक्ष श्री रिखब चन्द राँका ‘कल्पेश’ जयपुर  को  साहित्यिक क्षेत्र में उत्कृष्ट सृजन व समाज सेवा में उल्लेखनीय योगदान हेतु हरियाणा की साहित्यिक संस्था विलक्षणा एक सार्थक पहल समिति (रजि 02314) द्वारा […]

पसंदीदा साहित्य

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।