सारदे, माँ सारदे, शत्-शत् नमन् माँ सारदे! प्रेम,करुणा,न्याय की सद्वृत्तियाँ धुंधला रहीं; नीतियों को छद्म,छल, दुर्वृत्तियाँ झुठला रहीं. इस सदी के त्रस्त जन का सुन रुदन माँ सारदे! सत्य,शिव,सुंदर की शाश्वत- भावना का ही वरण हो; नव सदी में नव प्रभाती राग से जन जागरण हो. शांति,श्रम,समता की सरगम गाएँ […]

                उतर गये पार संसार-सागर के,   हर मोड़-पड़ाव से आगे,   बहुत आगे;   अब पकड़ से परे,   जकड़ से दूर-   दद्दा (पिता) हमारे….   चार बरस पहले की वह तिथि   राखी के अगले दिन लगते भादों प्रतिपदा   […]

नगरीय क्षेत्र बढ़ती अतिक्रमण समस्या पर जनसहयोग ही सार्थक पहल नगर की गंभीर समस्या अतिक्रमण जो नगर के विकास की गति को अवरुद्ध कर रही है जो नगर के सभ्रांत समाज की चकोर नजर से नजरअंदाज है। नगर की प्रमुख सड़को पर अतिक्रमण की घेराबंदी से प्रभावित होता व्यापार स्वयं […]

होते थे पहले कभी कच्चे धागों से बंधे रिश्ते पक्के ! ये रिश्ते हों खून के या फिर धर्म के ही क्यों न हो निभते थे – जीवन पर्यंत आल्हादित मन से पर अब , होता नही है ऐसा आ गया है इन रिश्तों में भी धागे की तरह ही […]

सुबह के पांच बजने वाले थे । तभी गहरी नींद में सो रहे रमेश के फोन की घण्टी घनघना उठी । कुछ ही पल बाद रमेश ने अलसाते हुए फोन देखा तो कोई अपरिचित नंबर दिखा । उसने सोचा इतनी सुबह भला किसका फोन हो सकता है , पर यह […]

वे जब होते हैं प्रसन्न या अति प्रसन्न , तो लगता है जैसे – रख देंगे लाकर , कदमों में आपके आसमाँ भी और जब होते हैं अप्रसन्न तो लगता है जैसे – नहीं छोड़ेंगे पाताल से भी कहीँ नीचे दबाकर । असंयमित सी है यदि हमारी यह फितरत तो […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।