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तूफान कभी आंधी कभी वर्षाते बनके
बाधाएं आयेगी तेरी मंजिल में बहुत सी
इन मंजलो को तुम पार कर बाधाओ से लड़ो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
बच्चें जब चलना सीखते है सौ बार गिरते है
विश्वास चलने का कभी वो कम न करते हैं
तुम भी करो मन दृण पथ से भ्रमित न हो
संकल्प कर चलों तुम पथ पर बढ़े चलो
चाहे पथ में नीम सी कड़वाहटे मिले
चाहे कदम को रोकने बाधाओं का जंजाल है मिले
इन जाल से बचकर निकलो सफलता का मंत्र ले
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
नदियां जैसी कल कल बहती चली जाये
चलते रहो का संदेश सब को देती ही जाये
संकल्प से परिपूर्ण हो पथ को सरल करो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
इतिहास ने परिश्रम के उदाहरण बहुत दिये
बहुत से वीर प्रयास से सफल अमर हुए
तुम भी प्रयास कर नया इतिहास गढ़ चलो
संकल्प कर चलों तुम पथ पर बढ़े चलो
इस संसार में बुराई अनुशासन हीनता की वहार है
काजल की फैक्ट्री से बिन धव्वे निकलना समान है
इन बुराई को अच्छाई में अनुशासन से बढ़ चलो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
बाधाएं मिले पत्थर बन तो मूर्ति में बदल दो
यदि मिले पथ में शूल तो फूलों में बदल दो
पथको के लिए रास्ता सुगम कर चलो
संकल्प कर चलो तुम पथ पर बढ़े चलो
नाम-अंकित जैन
साहित्यिक उपनाम-विरागांकित
जन्म स्थान -पथरिया
वर्तमान पता- पथरिया जिला दमोह
राज्य-मध्यप्रदेश
शहर-पथरिया
शिक्षा- बी. ए.(अध्ययनरत)
विधा -गीत/कविता/लेख
अन्य उपलब्धियाँ- संगीत में गाना और बजाना दोनों में ही समाज के चहेता
लेखन का उद्देश्य- मात्र भाषा हिन्दी भाषा के प्रचार-प्रसार और हिंदी भाषा को बढ़ावा देने का प्रयास करना
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