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चीखों मत….
मत चीखो..!
अनसुना कर दिया जायेगा-
हर बेबस चीख को।
मत चीखो..!
अनसुना कर दिया जायेगा-
हर बेबस चीख को।
अनदेखा कर दिया जायेगा –
झरते आँसुओं को।
चुप रहो!
मचलता है शैतान,
चीख से।
बन जायेगा बाहुबली –
तुम्हारे आँसुओं में भींगकर।
ऊर्जावान बना देगा उन्हें –
तुम्हें निरीह, निरापद चिन्हित करने वाला
प्रत्येक लक्षण।
सुनो!
चीखो मत…
एक काम करो-
हुंकार भरो…. ।
आँखों में आँसू नहीं
अंगारे लेकर।
प्रार्थना नहीं-
प्रयत्न भी नहीं, अब-
प्रतिरोध करो,
तुम्हारी या –
उनकी,
आखिरी साँस तक।
#राजेन्द्र श्रीवास्तव
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