इक ख़्वाब वस्ल का

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vuvek chouhan
गुज़रा हुआ ज़माना,जब-जब जहन में  आए।
दिल फिर मचल के झूमे,बचपन के गीत गाए॥
जाने खता हुई क्या,वो क्यों ख़फा हैं  ऐसे।
जब भी मिले हैं मुझसे,नज़रें नहीं  मिलाए॥
कानों में लंबे झुमके,होंठों की तेरी  लाली।
माथे की तेरी बिंदिया तारों-सी जगमगाए॥
देखी जो तेरी सूरत,सब-कुछ मैं भूल बैठा।
इक ख़्वाब वस्ल का आँखों में झिलमिलाए॥
जो भी मिला है मुझको लूटा है सबने मिलकर।
रिश्ते कहाँ किसी ने,दिल से कभी  निभाए॥
तुम लौट के सनम अब,इस घर में चली आओ।
तन्हाई का ये आलम,पल-पल बड़ा  सताए॥
क़ातिल का नाम कैसे,अपनी ज़ुबाँ पे लाऊं।
मुझ पर  दग़ा के  खंज़र,अपनों ने ही चलाए॥
कैसे  कहूँ  कि तुम ही,मुज़रिम इस प्यार के हो।
मैं भी था मुस्कुराया,तुम भी थे मुस्कुराए॥
ये जिंदगी है उसकी,जीने  दो  खुल के उसको।
उसको  पसंद जो  हो, उससे  वो दिल लगाए॥
#विवेक चौहान 
परिचय : विवेक चौहान का जन्म १९९४ में बाजपुर का है। आपकी शिक्षा डिप्लोमा इन मैकेनिकल है और प्राइवेट लिमिटेड कम्पनी में नेपाल में ही कार्यरत हैं। बतौर सम्मान आपको साहित्य श्री,साहित्य गौरव,बालकृष्ण शर्मा बालेन्दु सम्मान सहित अन्य सम्मान भी मिले हैं। आपके सांझा काव्य संग्रह-साहित्य दर्पण,मन की बात,उत्कर्ष की ओर एवं उत्कर्ष काव्य संग्रह आदि हैं। आप मूल रुप से उत्तराखंड के शहर रूद्रपुर(जिला ऊधमसिंह नगर) में आ बसे हैं।

Arpan Jain

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।