इश्क़ का पुजारी हूँ

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rakesh chaturvedi

तेरे दिल के मंदिर में मुझे एक दीपक जलाने दे,
तेरे इश्क़ का पुजारी हूँ मैं,दुनिया को बताने देl

सेवा तेरी कब तक करूं मैं,एक झलक दिख जा,
हर रोज सुबह तेरी पूजा करूँगा,मुझे नहाने देl

ठण्ड के मौसम में भी तेरी तपस्या कर रहा हूँ,
उपवास रखा हूँ परसों से,आज मुझे कुछ खाने देl

मन से पूजा की है मैंने तेरी दिल के मंदिर में,
आज दर्शन देकर मुझे सदा के लिए अपनाने देl

क़त्ल न कर मेरी साँस-आस-विश्वास का आज तू,
ज्यादा मत तड़पा अब मुझे,कसम से पास आने देl

नज़र में नज़र मिला के हर रोज तेरी पूजा करता हूँ,
पत्थर का दिल है कि मोम का,आज आजमाने देl

मौत से बड़ी सजा है `राकेश` इश्क़ का पुजारी बनना,
दिल के पास कोई खिड़की नहीं है,हवा अब आने देll 

#राकेश कुमार चतुर्वेदी

परिचय : राकेश कुमार चतुर्वेदी की जन्मतिथि-२० फरवरी १९९६ तथा जन्म स्थान-जमनीडीह हैl आपका वर्तमान निवास छत्तीसगढ़ के महासमुंद स्थित जमनीडीह में ही हैl छत्तीसगढ़ राज्य के शहर भवरपुर निवासी श्री चतुर्वेदी अभी स्नातक में अध्ययनरत हैंl लेखन विधा-ग़ज़ल,गीत तथा हाइकु हैl आपके लेखन का उद्देश्य-समाज को जागरूक करना हैl

Arpan Jain

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।