तेरे इश्क़ का पुजारी हूँ मैं,दुनिया को बताने देl
सेवा तेरी कब तक करूं मैं,एक झलक दिख जा,
हर रोज सुबह तेरी पूजा करूँगा,मुझे नहाने देl
ठण्ड के मौसम में भी तेरी तपस्या कर रहा हूँ,
उपवास रखा हूँ परसों से,आज मुझे कुछ खाने देl
मन से पूजा की है मैंने तेरी दिल के मंदिर में,
आज दर्शन देकर मुझे सदा के लिए अपनाने देl
क़त्ल न कर मेरी साँस-आस-विश्वास का आज तू,
ज्यादा मत तड़पा अब मुझे,कसम से पास आने देl
नज़र में नज़र मिला के हर रोज तेरी पूजा करता हूँ,
पत्थर का दिल है कि मोम का,आज आजमाने देl
मौत से बड़ी सजा है `राकेश` इश्क़ का पुजारी बनना,
दिल के पास कोई खिड़की नहीं है,हवा अब आने देll
#राकेश कुमार चतुर्वेदी
परिचय : राकेश कुमार चतुर्वेदी की जन्मतिथि-२० फरवरी १९९६ तथा जन्म स्थान-जमनीडीह हैl आपका वर्तमान निवास छत्तीसगढ़ के महासमुंद स्थित जमनीडीह में ही हैl छत्तीसगढ़ राज्य के शहर भवरपुर निवासी श्री चतुर्वेदी अभी स्नातक में अध्ययनरत हैंl लेखन विधा-ग़ज़ल,गीत तथा हाइकु हैl आपके लेखन का उद्देश्य-समाज को जागरूक करना हैl