मुस्कुरा के कह उठा

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kartikey
मन की कली मन में खिली
तो गाँव-गाँव वो चली,
थोडी़-सी थीं यादें मेरी
वो भी पाँव-पाँव चली।

सफर जो धूप का किया
तो एक तजुर्बा-भी मिला,
वो जिन्दगी-भी क्या भला,
जो सफर छाँव-छाँव चली।

नजर अगर थोड़ी झुकी
तो मन की आस भी बंधी,
अगर नजर थी प्यार की
तो डोर से वो क्यों बंधी।

सब्र का भी बांध था
जो खारा-खारा हो गया,
मन की कपोल-कल्पना में
वो बेसहारा हो गया।

जिन्दगी की दौड़ में
तू अकेला रह गया,
प्यार था तेरा वही,
जो अहं में खो गया।

वो गाँव भी क्या गाँव था
मंदिरों के भेष में ,
शब्द डूबे थे जहां,
शहद के ही लेप में।

मन का गुबार भी वहां
पल में ही हवा हो गया,
छुपी हुई थी जो हंसी,
मचल-मचल बिखर

मन मेरा मगन हुआ
तो दिल का तार-तार भी,
मुस्कुरा के कह उठा
आ गई बहार-भी।।

                                                                                 #कार्तिकेय त्रिपाठी

परिचय : कार्तिकेय त्रिपाठी इंदौर(म.प्र.) में गांधीनगर में बसे हुए हैं।१९६५ में जन्मे कार्तिकेय जी कई वर्षों से पत्र-पत्रिकाओं में काव्य लेखन,खेल लेख,व्यंग्य सहित लघुकथा लिखते रहे हैं। रचनाओं के प्रकाशन सहित कविताओं का आकाशवाणी पर प्रसारण भी हुआ है। आपकी संप्रति शास.विद्यालय में शिक्षक पद पर है।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।