चंदन लगा के चंदन,जब वीर बढ़ चला।
हाथों में था तिरंगा,दुश्मन से अड़ चला॥
नारे लगाए उसने जय हिंद जय हो भारत।
मोमिन थे उसके सन्मुख,बैरी से लड़ चला॥
खाई थी उसने गोली जब सुन्न पड़ चला।
हिंदू के गाल पर फिर तमाचा जड़ चला॥
पालो न नाग काले,सर्पों को मारिए।
‘भारत’ का लाल जग में,सम्मान गढ़ चला॥
#नीतेन्द्र सिंह परमार ‘भारत’
परिचय : नीतेन्द्र सिंह परमार का उपनाम-भारत है। डी.सी.ए. के बाद वर्तमान में बी.एस-सी.(नर्सिंग) के तृतीय वर्ष की प़ढ़ाई जारी है। आपका जन्म १५ जुलाई १९९५ को बरेठी(जिला छतरपुर, मध्यप्रदेश) में हुआ है। वर्तमान निवास कमला कॉलोनी (छतरपुर)में है। रचनात्मक कार्य में आपके खाते में मुक्तक,गीत,छंद और कविताएं (वीर रस) आदि हैं। शास्त्रीय संगीत एवं गायन में रुचि रखने वाले श्री सिंह मंच संचालन में प्रतिभावान हैं। यह छतरपुर में ही नर्सिंग छात्र संगठन से जुड़े हुए हैं। लेखन और काव्य पाठ के शौकीन नीतेन्द्र सिंह की नजर में समाजसेवा सबसे बड़ा धर्म है, और सबके लिए संदेश भी यही है।