चलो तिरंगा फहरा लें

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गली-गली हर चौराहे पर,
जन गण मन दिल से गा लें।
लोकतंत्र का पर्व आज है,
चलो तिरंगा फहरा लें,
भाई चलो तिरंगा फहरा लें।
वन्दे मातरम वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम वन्दे मातरम॥
केसरिया है अग्नि ज्वाला,
सभी बुराई करता नाश,
हरा हमेशा है यह कहता,
संवृद्धि खुशहाली पास।
श्वेत सादगी सच्चाई को,
हम जीवन में अपना लें
लोकतंत्र का पर्व आज है,
चलो तिरंगा फहरा लें,
भाई चलो तिरंगा फहरा लें।
वन्दे मातरम वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम वन्दे मातरम॥
जहाँ धरा पर स्वर्ग से आकर,
बहती पावन गंगा है।
वहाँ गगन को चूम गर्व से,
झूमे अपना तिरंगा है।
विजय चक्र भी गतिशील है,
मंजिल पहुँचाने वाले।
लोकतंत्र का पर्व आज है,
चलो तिरंगा फहरा लें,
भाई चलो तिरंगा फहरा लें।
वन्दे मातरम वन्दे मातरम,
वन्दे मातरम वन्दे मातरम॥
             #बिनोद कुमार ‘हंसौड़ा’

परिचय : बिनोद कुमार ‘हंसौड़ा’ का जन्म १९६९ का है। आप दरभंगा (बिहार)में प्रधान शिक्षक हैं। शैक्षिक योग्यता दोहरा एमए(इतिहास एवं शिक्षा)सहित बीटी,बीएड और प्रभाकर (संगीत)है। आपके नाम-बंटवारा (नाटक),तिरंगा झुकने नहीं देंगे, व्यवहार चालीसा और मेरी सांसें तेरा जीवन आदि पुस्तकें हैं। आपको राष्ट्रभाषा गौरव(मानद उपाधि, इलाहाबाद)सहित महाकवि विद्यापति साहित्य शिखर सम्मान (मानद उपाधि) और बेहतरीन शिक्षक हेतु स्वर्ण पदक सम्मान भी मिला है। साथ ही अनेक मंचो से भी सम्मानित हो चुके हैं

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