देश

0 0
Read Time1 Minute, 41 Second
pushpa sharma
देश अपना वेश अपना,
हर ओर परिवेश अपना।
जमीं आकाश अपना है,
मुक्त उड़ान भरो नभ में…
पूरा करना अब सपना है॥
छोड़कर छोटी बातें अब,
सृजन का पथ संवार लो।
देश धरा पर बिखरी हुई,
सब संपदा संभाल लो॥
संस्कृति की शालीन धरोहर,
संस्कारों के अमूल्य मोती।
चमक रही जिसमें हर पल,
जीवन की अनुपम ज्योति॥
सत्य अहिंसा प्रेम दया,
सब संजीवनी औषधि यहाँ।
सेवाभाव व भाईचारा,
आदर्श पनपते हैं जहाँ॥
 साथ रहें साथ बढ़े हम,
 गम खुशियाँ साथ होगी।
 आसान हो जाएंगी राहें,
 मंजिलें मुश्किल न होंगी॥
         #पुष्पा शर्मा 
परिचय: श्रीमती पुष्पा शर्मा की जन्म तिथि-२४ जुलाई १९४५ एवं जन्म स्थान-कुचामन सिटी (जिला-नागौर,राजस्थान) है। आपका वर्तमान निवास राजस्थान के शहर-अजमेर में है। शिक्षा-एम.ए. और बी.एड. है। कार्यक्षेत्र में आप राजस्थान के शिक्षा विभाग से हिन्दी विषय पढ़ाने वाली सेवानिवृत व्याख्याता हैं। फिलहाल सामाजिक क्षेत्र-अन्ध विद्यालय सहित बधिर विद्यालय आदि से जुड़कर कार्यरत हैं। दोहे,मुक्त पद और सामान्य गद्य आप लिखती हैं। आपकी लेखनशीलता का उद्देश्य-स्वान्तः सुखाय है।

matruadmin

Average Rating

5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *

Next Post

डॉ.सायता को 'काव्य-कुसुम' की उपाधि भेंट 

Tue Jan 9 , 2018
श्रीनाथद्वारा। राजस्थान में श्रीनाथद्वारा के हिंदी सेवा के प्रखर साधक तथा पूर्ण समर्पित व्यक्तित्व स्व. भगवती प्रसाद देवपुरा की स्मृति में १९३७ से स्थापित संस्था साहित्य मंडल(श्रीनाथद्वारा) द्वारा इंदौर की साहित्यकार डॉ.चन्द्रा सायता को ‘काव्य कुसुम’ उपाधि से सम्मानित किया गया। आपको शाल-श्रीफल, उत्तरीय-कण्ठहार,श्रीनाथजी की मोती- जड़ित फ्रेम की हुई […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।