साल जाते हैं,तो आते भी हैं

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ishwar dayal
साल जाते हैं,तो आते भी हैं।
ग़र ये रोते हैं,तो गाते भी हैं॥
ग़म के सागर में डुबोया इनने,
किन्तु अपने हैं,तो भाते भी हैं॥
वक्त में कुछ खटाई-सी भर के,
अह़सास-ए-ज़िंदगी ये कराते भी हैं।
ले के जाते हैं ग़र ख़ुशियाँ सारीं,
तो ये सौगात नई,लाते तो हैं॥
झूमकर गा उठें,भँवरे जिन पर,
बाग-ए-ग़ुल ऐसा खिलाते तो हैं॥
बदलना रुख़ हवा का इनकी फ़ितरत,
किश्ती साहिल पे ये लाते तो हैं॥
ये ग़ुजरते हैं,ग़ुजरेंगे हमारे जैसे,
ले के जाते हैं,तो लाते भी हैं।
इनमें रहना है और रहना होगा,
साल-दर-साल ये,आते तो हैं॥
             #ईश्वर दयाल गोस्वामी
परिचय: ईश्वर दयाल गोस्वामी पेशे से शिक्षक हैं। आप कवि होने के साथ ही भागवत कथा भी बांचते हैं। जन्म तिथि- ५ फरवरी १९७१ तथा जन्म स्थान- रहली है। हिन्दी सहित बुंदेली भाषा में भी २५ वर्ष से काव्य रचना जारी है तो, आपकी कविताएँ समाचार पत्रों व पत्रिकाओं में भी प्रकाशित होती हैं। काव्य संग्रह ‘संवाद शीर्षक से’ प्रकाशनाधीन है। मध्यप्रदेश के सागर जिले की तहसील रहली के ग्राम छिरारी में बसे हुए श्री गोस्वामी की रुचि-काव्य रचना के अलावा अभिनय में भी है। आपको समकालीन कविता के लिए राज्य शिक्षा केन्द्र(भोपाल) द्वारा २०१३ में राज्य स्तरीय पुरस्कार दिया गया है। साथ ही नई दिल्ली द्वारा रमेश दत्त दुबे युवा कवि सम्मान भी प्राप्त किया है।

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आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।