मोहब्बत को समझो

0 0
Read Time2 Minute, 10 Second

वो मोहब्बत कुछ इस
तरह निभा गये हमसे।
अपने सारे दर्द दिलमें
छुपा गये हमसे।
मिलते रहे दिलसे
हंसते हुये हमसे।
भनक ही नही लगी की
वो जीते है दुसरो के लिए।।

माना कि मोहब्बत हम
बेपनाह करते है।
पर वो सारे जमाने से
मोहब्बत बेपनाह करते है।
किस किस ने धोका न
दिया इस जमाने में।
पर सब जानते हुए भी
मोहब्बत दिलसे निभा गये।।

मोहब्बत करना किसीकी
जागीर नही होती।
जिसे तिजोरी में बंद
किया जा सके।
मोहब्बत तो वो फूल है
जो खिलता है दुसरो के लिए।
पड़ जाती है मोहब्बत फीकी अमीरों की गरीबो से।
क्योंकि वो जीते मरते है मोहब्बत में।।

लिख रहा है परिभाषा संजय मोहब्बत की।
समझ आ जाये तो
अपने मित्रों को भी पढ़ा देना।।

#संजय जैन

परिचय : संजय जैन वर्तमान में मुम्बई में कार्यरत हैं पर रहने वाले बीना (मध्यप्रदेश) के ही हैं। करीब 24 वर्ष से बम्बई में पब्लिक लिमिटेड कंपनी में मैनेजर के पद पर कार्यरत श्री जैन शौक से लेखन में सक्रिय हैं और इनकी रचनाएं बहुत सारे अखबारों-पत्रिकाओं में प्रकाशित होते रहती हैं।ये अपनी लेखनी का जौहर कई मंचों  पर भी दिखा चुके हैं। इसी प्रतिभा से  कई सामाजिक संस्थाओं द्वारा इन्हें  सम्मानित किया जा चुका है। मुम्बई के नवभारत टाईम्स में ब्लॉग भी लिखते हैं। मास्टर ऑफ़ कॉमर्स की  शैक्षणिक योग्यता रखने वाले संजय जैन कॊ लेख,कविताएं और गीत आदि लिखने का बहुत शौक है,जबकि लिखने-पढ़ने के ज़रिए सामाजिक गतिविधियों में भी हमेशा सक्रिय रहते हैं।

matruadmin

Next Post

हिन्दुओं की सुरक्षा के साथ अपराधियों पर अंकुश लगाए बिहार सरकार: मिलिंद परांडे

Thu May 14 , 2020
नई दिल्ली। बिहार में हिन्दुओं पर बढ़ते जिहादी हमलों से क्षुब्ध विश्व हिन्दू परिषद् (विहिप) ने राज्य सरकार से मांग की है कि हिन्दुओं की सुरक्षा, उनकी शिकायतों पर कार्यवाही तथा सीमावर्ती क्षेत्रों में बांग्लादेशी व रोहिंग्याई घुसपैठियों की देश विरोधी गतिविधियों पर अबिलम्ब अंकुश लगाया जाए। विहिप के केन्द्रीय महा सचिव […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।