मैं हूँ वतनपरस्त फौजी,मुझसे प्यार मत करना,
कब शहीद-ए-आम हो जाऊं,मेरा इंतजार मत करनाl
सोलहवां सावन बीता,कई सावन बाकी तुम्हारे,
गिंदगी बसर साथ मेरे,ख्वाब गुलजार मत करनाl
लौटूँगा लिपट तिरंगे में,खातिर मेरे दिल बेकरार मत करनाl
पुकारती है मिट्टी वतन की,मेरा सरोकार मत करनाl
दिया जिस्म जान हिन्द-ए-वतन मुझपे जान निसार मत करनाl
खड़ा है दुश्मन सामने,तुम कोई खतावार मत करनाl
साथ जिएंगे-मरेंगे,वतन के वास्ते तुम इन्कार मत करनाl
#श्याम कुँवर’भारती’परिचय : श्याम कुँवर का साहित्यिक उपनाम-भारती है। आपकी जन्मतिथि-३० जनवरी १९७० और जन्म स्थान-मकोली(बोकारो)है। वर्तमान में जिला बोकारो के ढोरी स्टॉफ क्वार्टर में निवास है। झारखंड राज्य के फूसरो शहर से सम्बन्ध रखने वाले श्री कुँवर की शिक्षा-बीएससी है। आपका कार्यक्षेत्र-सम्पूर्ण भारत है। सामाजिक क्षेत्र में समाजसेवा के साथ ही कुछ समितियों और साहित्यिक इकाईयों से भी जुड़े हुए हैं। लेखन में आपकी विधा-कविता,कहानी,नाटक उपन्यास, गीत-ग़ज़ल और लेख है। आप हिन्दी के साथ भोजपुरी में भी लिखते हैं। प्रकाशन-‘दो रुपए’ (काव्य संकलन), है तो ‘पाँच रुपए’ कहानी संकलन की तैयारी ज़ारी है। आपके खाते में सम्मान के तौर पर महामाहिम राष्ट्रपति पुरस्कार(समाजसेवा) और काव्य रत्न सम्मान दर्ज है। उपलब्धि यही है कि,कई कवि सम्मेलनों मे सफल काव्य पाठ,आकाशवाणी रांची से कहानी का नियमित प्रसारण आदि है। आपके लेखन का उद्देश्य-शिक्षा,साहित्य,कला,संस्कृति,संस्कार का प्रचार-प्रसार और राष्ट्र जागरण करना है।