यह खुश खबर है कि देश के आठ राज्यों के 14 इंजीनियरिंग कालेजों में अब पढ़ाई का माध्यम उनकी अपनी भाषाएँ होंगी। नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति की पहली वर्षगांठ पर इस क्रांतिकारी कदम का कौन स्वागत नहीं करेगा? अब बी टेक की परीक्षाओं में छात्रगण हिंदी,मराठी, तमिल, तेलुगु, कन्नड़, गुजराती, […]

न याद कर तू दर्द भरे वो बीते हुए पल, वो समय असफलता का वह हारे हुए पल । वो  धोखे जो  किए तेरे संग इस दुनिया ने , वो छलावा जो किया तेरे संग तेरे अपनों ने। वो दर्द का समंदर जो उठा था जिंदगी में , वह यादें […]

आज फिर एक नवविवाहिता दुनिया से विदा हो गई मांँ की लाडली पिता की दुलारी मौत की नींद सो गई न बता सकी तकलीफ अपनी न सुना सकी दर्द अपना सही होगी न जाने कितनी पीड़ा डूबी होगी जरुर दर्द के सागर में आज फिर एक बेटी मांँ- बाप से […]

    सदा सत्य पथ पर चले जाना है हवा के है झोंके बहे जाना है। कभी सोचते है,ठहरे इसी पथ बस नीर है हम, बहे जाना है । ठहरी नही जिंदगी भी किसी पथ किसी के लिए ना रुके हम किसी पथ कभी लड़खड़ाये ,तो सोच ले हम यही […]

धन बरसाने आई लक्ष्मी ,घर – घर खुशियाँ छाई। कर दरिद्र कोसों दूर, भण्डार भरने खुद माँ आई।। भावों के दीप सजाकर, देखो कैसी रोशनी आई। अमावस के घोर तिमिर को, जीतने रोशनी छाई।। कतारें सज रही दीपों की, बाजार सजे धजे भाई। रंग बिरंगे नव परिधानों में, सजे हैं […]

आ तो सगला ने हरसावें। इण री शान कदै ना जावें। इरो जस हिलमिलकर गावें। छकड्यो राँका रो। झण्डाें बाघसूरी में लहरावें। बाला साहब री याद दिलावें। नारेल दीपक ज्योत जलावें। छकड्यो राँका रो। इण री अम्बिका माता प्यारी। सती माता लखमा देवी न्यारी। दिहाड़ी माता करती रखवारी। छकड्यो राँका […]

संस्थापक एवं सम्पादक

डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।