पहला सावन का सोमवार
भोले बाबा का है द्वार
शांत मन से की गई पूजा है स्वीकार
सब भक्तन का करते बेड़ा पार
ओम नमः शिवाय की धुनि रमाए बारंबार……….
अर्धचंद्र मस्तक पर विराजे
जटा से निकली गंगा की धार
गले में सर्पों की माला, भस्म अंग सुहावे
पहन मृगछाला, हाथ में डमरू बजावे
हर हर महादेव की धुनि बारंबार रमावे…………
मेरे भोले बाबा का है रूप निराला
बेल पत्र और धतूरा का प्रसाद चढ़ाते
साथ में चंदन का टीका लगाते
शिव चालीसा और शिवाष्टक का पाठ हैं करते
बम बम भोले की धुनि रमाते………………
शिव–पार्वती जी की जोड़ी है निराली
कार्तिकेय और गणेश जी हैं लाल
कहे योगिता सिंह हम सब भक्तं का करो उद्धार
मेरे भोले बाबा आप हैं जग के तारणहार
ओम नमः शिवाय, ओम नमः शिवाय …………..
#डॉ.योगिता सिंह ”हंसा”, कानपुर