हिंदी राष्ट्रभाषा है,हमारी मातृभाषा है।
दिलो को छू जाए, गौरवमई भाषा है।।
कण कण में भगवान है,अक्षर अक्षर में मिठास है।
हर अक्षर से शब्द बने, भावनाओ को व्यक्त करें।।
हिंदी से हिंदूस्तान है, संस्कृत से संस्कार है।
यहीं सभ्यता जन्मी, यही आस्थाओं की नगरी।।
हिंदी के रूप अनेक है, जिसमे गद्य, पद्य विशेष है।
कभी बच्चों को कहानी सुनाए,कविता कहके लोरी सुनाए।।
हिंदी मृदुभाषी है, हिन्दुस्तानीयो के रगो मे समाई है।
राजा हो या रकं, भगवान हो या भक्त, सभी के मन की भाषा है।।
हिंदी राष्ट्रभाषा है,हमारी मातृभाषा है।
हिंदी सहज सरल,अलौकिक भाषा है।।
#प्रियंका पांडेय त्रिपाठी
प्रयागराज (उत्तर प्रदेश)