गुरु नवरत्न महान

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मातृभूमि से बढ़कर,कोई चंदन नहीं होता,
नवकार से बढ़कर,कोई वंदन नहीं होता।
सच्ची शिक्षा और प्रेरणा,अनूठी मिसाल है,
त्याग तप और धर्म की,एक प्रतिमूरत है।
यूं तो संत जमाने में,हजारों-लाखों होते हैं,
पर उनमें भी कुछ आशाराम व राम-रहीम होते हैं।
जिनके कर्मों से समाज,व धर्म कलंकित होता है,
ऐसे पापियों का एक दिन, पतन निश्चित होता है।
सच्चा संत गर कोई है तो, इस जग में जैन संत है,
जिनका न घर,न परिवार है, न बंगला न गाड़ी है।
त्याग,तप,दया और धर्म,यही जिनका प्राणाधार है,
संतो में सिर्फ एक ही निशान है, गुरु नवरत्न महान है।
जिसे पूजता है जग सारा,वो गुरुनवरत्न हमारा है,
जिसे मिला दिव्याशीष, उनकी प्रेरणा का बखान है।
जो लाखों युवाओं की धड़कन है, वे विश्वरत्न महान हैं,
ऐसे गुरु की कृपा जिस पर हो, उसका बेड़ा पार है॥

                                                      #प्रमोद बाफना

परिचय : प्रमोद कुमार बाफना दुधालिया(झालावाड़ ,राजस्थान) में रहते हैं।आपकी रुचि कविता लेखन में है। वर्तमान में श्री महावीर जैन उच्चतर माध्यमिक विद्यालय(बड़ौद) में हिन्दी अध्यापन का कार्य करते हैं। हाल ही में आपने कविता लेखन प्रारंभ किया है।

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डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’

आपका जन्म 29 अप्रैल 1989 को सेंधवा, मध्यप्रदेश में पिता श्री सुरेश जैन व माता श्रीमती शोभा जैन के घर हुआ। आपका पैतृक घर धार जिले की कुक्षी तहसील में है। आप कम्प्यूटर साइंस विषय से बैचलर ऑफ़ इंजीनियरिंग (बीई-कम्प्यूटर साइंस) में स्नातक होने के साथ आपने एमबीए किया तथा एम.जे. एम सी की पढ़ाई भी की। उसके बाद ‘भारतीय पत्रकारिता और वैश्विक चुनौतियाँ’ विषय पर अपना शोध कार्य करके पीएचडी की उपाधि प्राप्त की। आपने अब तक 8 से अधिक पुस्तकों का लेखन किया है, जिसमें से 2 पुस्तकें पत्रकारिता के विद्यार्थियों के लिए उपलब्ध हैं। मातृभाषा उन्नयन संस्थान के राष्ट्रीय अध्यक्ष व मातृभाषा डॉट कॉम, साहित्यग्राम पत्रिका के संपादक डॉ. अर्पण जैन ‘अविचल’ मध्य प्रदेश ही नहीं अपितु देशभर में हिन्दी भाषा के प्रचार, प्रसार और विस्तार के लिए निरंतर कार्यरत हैं। डॉ. अर्पण जैन ने 21 लाख से अधिक लोगों के हस्ताक्षर हिन्दी में परिवर्तित करवाए, जिसके कारण उन्हें वर्ल्ड बुक ऑफ़ रिकॉर्डस, लन्दन द्वारा विश्व कीर्तिमान प्रदान किया गया। इसके अलावा आप सॉफ़्टवेयर कम्पनी सेन्स टेक्नोलॉजीस के सीईओ हैं और ख़बर हलचल न्यूज़ के संस्थापक व प्रधान संपादक हैं। हॉल ही में साहित्य अकादमी, मध्य प्रदेश शासन संस्कृति परिषद्, संस्कृति विभाग द्वारा डॉ. अर्पण जैन 'अविचल' को वर्ष 2020 के लिए फ़ेसबुक/ब्लॉग/नेट (पेज) हेतु अखिल भारतीय नारद मुनि पुरस्कार से अलंकृत किया गया है।