मातृभूमि से बढ़कर,कोई चंदन नहीं होता, नवकार से बढ़कर,कोई वंदन नहीं होता। सच्ची शिक्षा और प्रेरणा,अनूठी मिसाल है, त्याग तप और धर्म की,एक प्रतिमूरत है। यूं तो संत जमाने में,हजारों-लाखों होते हैं, पर उनमें भी कुछ आशाराम व राम-रहीम होते हैं। जिनके कर्मों से समाज,व धर्म कलंकित होता है, ऐसे […]