परिचय : कल्पना गागड़ा हिमाचल राज्य के शिमला में रहती हैं। पेशे से आप सरकारी शिक्षा संचालनालय में अधीक्षक(वर्ग २)हैं। लिखने की वजह शौक है।
Read Time51 Second
सोए अरमाँ मैं यूँ जगाती हूँ,
गीत चाहत के गुनगुनाती हूँ l
तीरगी का न राज हो जाए,
मैं दीये इसलिए जलाती हूँ l
अपनी आँखों के इन दरीचों में,
कितने ख्वाबों को मैं सजाती हूँ l
तेरी यादों में तेरे ख्वाबों में,
इक-इक लम्हा मैं बिताती हूँ l
याद आती है जब मुझे तेरी,
ग़म के सागर में डूब जाती हूँ l
नाम है मेरा कल्पना और मैं,
सबको जीने का ढंग सिखाती हूँ l
#कल्पना गागडा़
Average Rating
5 Star
0%
4 Star
0%
3 Star
0%
2 Star
0%
1 Star
0%
पसंदीदा साहित्य
-
May 31, 2018
भारत-भूमि
-
June 11, 2018
हत्या की नक्सली धमकियां ?
-
May 16, 2020
ज़िन्दगी के लिए….
-
March 27, 2021
रंगमंच
-
May 12, 2020
क्या है बदला लेने की कला?