परिचय : कल्पना गागड़ा हिमाचल राज्य के शिमला में रहती हैं। पेशे से आप सरकारी शिक्षा संचालनालय में अधीक्षक(वर्ग २)हैं। लिखने की वजह शौक है।
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सोए अरमाँ मैं यूँ जगाती हूँ,
गीत चाहत के गुनगुनाती हूँ l
तीरगी का न राज हो जाए,
मैं दीये इसलिए जलाती हूँ l
अपनी आँखों के इन दरीचों में,
कितने ख्वाबों को मैं सजाती हूँ l
तेरी यादों में तेरे ख्वाबों में,
इक-इक लम्हा मैं बिताती हूँ l
याद आती है जब मुझे तेरी,
ग़म के सागर में डूब जाती हूँ l
नाम है मेरा कल्पना और मैं,
सबको जीने का ढंग सिखाती हूँ l
#कल्पना गागडा़
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