0
0
Read Time39 Second
ये जो अस्तित्व है मेरा,
मेहरबानी है बस माँ की,
ये दुनिया क्या,खुदाई भी
तो दीवानी है बस माँ की।
अगर टूटे जो दिल माँ का,
खुदा भी माफ न करता,
लगे मेरी उमर फिर भी तुझे
वाणी है बस माँ की॥
#नमन जैन ‘अद्वितीय’
परिचय: नमन जैन ‘अद्वितीय’ की आयु १८ वर्ष है,और लेखन अवधि १० माह है।बी.काॅम. में अध्ययनरत नमन उत्तर प्रदेश के शामली स्थित खेडी करमू में रहते हैं। आपकी रुचि काव्य लेखन में है।
Post Views:
626